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Mumbai Indians : 5 बार की चैंपियन मुंबई 5 मैच जीतने के लिए तरसी, जानिए 5 कारण

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कृति शर्मा

, शनिवार, 4 मई 2024 (18:56 IST)
Reasons Why Mumbai Indians Failed in IPL 2024 : 3 मई को वानखेड़े में खेले गए आईपीएल (IPL) के 51वें मैच में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) को कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) ने24 रनों से हराया और यह वाकई मुंबई इंडियंस का शर्मनाक प्रदर्शन था। सूर्यकुमार यादव (Suryakumar) को छोड़कर कोई भी रन नहीं बना सका। सूर्या ने 35 गेंदों में 56 रन बनाए और सिर्फ इस मैच में ही नहीं 5 बार की आईपीएल विजेता मुंबई इंडियंस इस पूरे सीजन में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी।

यह इस टीम के लिए कुछ वास्तविक पतन था और क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह देखना काफी चौंकाने वाला था कि एक से बढ़कर एक खिलाड़ी होने के बाद भी यह टीम सबसे खराब स्थिति में चली गई।

यह 5 कारण हैं जो बताते हैं कि IPL 2024 मुंबई इंडियंस के लिए सबसे खराब सीज़न क्यों था
 
 
 
1.एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में पूर्ण विफलता (Complete Failure as a Batting Unit) : मुंबई इंडियंस हमेशा से ही आईपीएल की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक रही है, हमेशा अन्य टीमों के लिए एक मजबूत प्रतियोगी रही है, लेकिन इस साल उन्होंने चैंपियन टीम होने की झलक भी नहीं दिखाई। खिलाड़ियों में निरंतरता की कमी थी और कोई भी आवश्यकता पड़ने पर प्रदर्शन नहीं कर पाया। कुल मिलाकर यह टीम एक इकाई के रूप में विफल रही। 
 
इस टीम का एक भी बल्लेबाज 11 मैचों में 350 रन का आंकड़ा पार नहीं कर सका। तिलक वर्मा 347 मैचों के साथ पहले, पिछले कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) 326 रन के साथ दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन लगातार रन बनाने में असफल रहे। इशान किशन (Ishan Kishan) ने भी मैदान पर संघर्ष करते हुए 23.36 की औसत से सिर्फ 257 रन बनाए। सूर्यकुमार ने 8 मैचों में 3 अर्धशतक लगाए लेकिन उन्हें दूसरे छोर से कोई समर्थन नहीं मिला
 
 
2. तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पर निर्भरता (Over Dependency on fast bowler Jasprit Bumrah) : बल्लेबाजी की तरह गेंदबाजी में भी जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) पर पूरा डिपार्टमेंट निर्भर था। वह अभी 16.11 की औसत और 6.25 की इकोनॉमी के साथ 17 विकेट लेकर पर्पल कैप (Purple Cap) होल्डर हैं। हालाँकि दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाज़ जेराल्ड कोएट्ज़ी (Gerald Coetzee) ने बुमराह का साथ दिया है। उन्होंने 10 मैचों में 26.23 की औसत से 13 विकेट लिए हैं।
 
 
3. हार्दिक पंड्या ने कप्तान और खिलाड़ी दोनों के तौर पर निराश किया (hardik pandya disappointed both as a captain and a player) : मुंबई इंडियंस ने गुजरात टाइटन्स (Gujarat Titans) के साथ नकद सौदा (15 Crore Cash Deal) करने के बाद हार्दिक पंड्या को अपनी टीम में शामिल किया और उसके बाद उन्हें अपना कप्तान बनाया। जब उन्होंने रोहित शर्मा (Rohit Sharm) को हटाया तो प्रशंसक इतने नाराज हो गए कि जहां भी हार्दिक खिलाड़ी थे, उन्होंने हूटिंग की। 
 
एक खिलाड़ी के रूप में अच्छा खेलना और एक कप्तान के रूप में अच्छा काम करना ही आलोचकों का मुंह बंद करने का एकमात्र तरीका दिख रहा था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके, यहां तक ​​कि बल्ले से भी नहीं, गेंदबाजी से भी नहीं और एक कप्तान के रूप में वह बुरी तरह विफल रहे। 11 मैचों में उन्होंने 19.80 की औसत और 147.76 की औसत से 198 रन बनाए। इन मैचों में वह एक भी अर्धशतक नहीं बना सके। गेंदबाजी की बात करें तो उन्होंने सिर्फ 8 विकेट लिए और एक कप्तान के रूप में उनकी टीम 11 मैचों में केवल 3 मैच ही जीत सकी।
 
 
4. कोई लीड स्पिनर नहीं (No Lead Spinner) : मुंबई मैनेजमेंट ने नीलामी में ही एक स्पिनर को अपनी टीम में नहीं चुनाकर बहुत बड़ी गलती की। टीम पीयूष चावल पर अधिक निर्भर रही है और मोहम्मद नबी कोई काम मौके दिए हैं। उन्होंने अपने स्पिनरों का अच्छी तरह से उपयोग नहीं किया। MI स्पिनरों ने 10.66 की इकॉनमी से गेंदबाजी की और सिर्फ 8 विकेट लिए।
 
 
 
5. विवादों से भरा हुआ IPL (Full of Controversies) : हार्दिक पंड्या को कप्तान बनाए जाने के बाद प्रशंसकों ने उनकी आलोचना की और कुछ कंट्रोवर्सी भी सामने वाई थी कि टीम 2 या 3 भागों में बंट गई है और ड्रेसिंग रूम में भी कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। जब ऐसी चीजें होती हैं, तो बाहरी शोर को नजरअंदाज करना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन आप एक इकाई के रूप में ऐसा नहीं कर सकते, तो इसका असर आपकी टीम के प्रदर्शन पर भी पड़ने लगता है।

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