अंपायर के फैसले से असहमति जताने पर गिल पर लग सकता है जुर्माना (Video)
दो बड़े शॉट के साथ 15 रन प्रति ओवर के फार्मूले से मिली जीत: गिल
गुजरात टाइटंन के कप्तान शुभमन गिल को राजस्थान रॉयल के साथ हुये मुकाबले के दौरान अंपायर के फैसले से असहमति जताने, बहस करने और गुस्से में गेंद पटने के लिए जुर्माना भरना पड़ सकता है।
शुभमन गिल को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से मंजूरी मिलने के बाद जुर्माना भरना पड़ सकता है। बुधवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेले गये मैच में मोहित शर्मा द्वारा 17वें की आखिरी गेंद फेंके जाने पर अंपायर ने इस गेंद को वाइड करार दिया। इस दौरान गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल ने डीआरएस लिया और उनकी मैदानी अंपायर के साथ तीखी बहस हुई और उन्होंने गुस्से में गेंद पटक दी थी।
मैच में अंपायर संभवतः रेफरी को घटना की रिपोर्ट देंगे। गुजरात के कप्तान को प्रतिबंधों के बारे में सूचित करने के लिए बुला सकता है। नियमों के अनुसार, खिलाड़ी अंपायर के कॉल पर असहमति नहीं दिखा सकते हैं। फैसले को मानने से इनकार करने पर मैच रेफरी ने क्रिकेटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। गिल की गुस्से भरी प्रतिक्रिया उन्हें बड़ी मुसीबत में डाल सकती है और उन्हें मैच फीस का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि आखिरी तीन ओवरों में दो बड़े शॉट के साथ 15 रन प्रति ओवर बनाने के फॉर्मूले से टीम को जीत मिली।मैच के बाद गिल ने कहा, “हम टारगेट कर रहे थे कि अंतिम तीन ओवरों में बस 45 रन बचा रहे क्योंकि इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। 15 ओवर प्रति रन का मतलब है कि आपको एक ओवर में दो बड़े हिट्स चाहिए। उस समय हमारा माइंडसेट यही था।
गणितीय रूप से देखा जाए तो ऐसे में पिच पर टिके दोनों बल्लेबाजो को नौ-नौ गेंदों पर 22-22 रन बनाने होते। यह अधिक कठिन नहीं है। इसका मतलब है कि दोनों बल्लेबाजो को अपनी नौ गेंदों में तीन बड़े हिट लगाने हैं। वहीं कोई बल्लेबाज ऑल आउट होकर खेलने जा रहा है, तो कुछ गेंद पहले भी मैच समाप्त हो सकता है। अगर आप इस तरह से सोचते हैं तो चीज़ें आपके लिए आसान होती हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं स्वयं ही मैच समाप्त करना चाहता था। लेकिन मैं खुश हूं कि हमारे लिए राशिद खान भाई और राहुल तेवतिया भाई ने मैच को समाप्त किया। हम पूरे मैच के दौरान पीछे थे, लेकिन मैं खुश हूं कि हमने अंतिम गेंद पर जीतते हुए मैच को खत्म किया।”
उल्लेखनीय है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में लक्ष्य का पीछा करते हुए 16 मुकाबले जीतने वाली गुजरात टाइटंस को चेज मास्टर कहा जा सकता है। अधिकतर बार गुजरात ने लक्ष्य का पीछा करते हुए लगभग हारे हुए मैचों में जीत हासिल की है। बुधवार रात राजस्थान रॉयल्स के खिालफ मुकाबले में भी उन्होंने यह कारनामा किया। आठ मैचों में यह चौथी बार है जब गुजरात की टीम ने अंतिम ओवरों में कम से कम 15 रन का लक्ष्य प्राप्त किया हो।(एजेंसी)