लखनऊ की गाड़ी एलिमिनेटर से आगे जाने की करेगी कोशिश, पढ़े SWOT Analysis
जानें लखनऊ सुपर जाएंटेस के मजबूत और कमजोर पक्ष
लोकेश राहुल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के सबसे सफल बल्लेबाजों में एक हैं लेकिन आगामी सत्र में उनकी बल्लेबाजी के साथ एक बार फिर से कप्तानी कौशल की परीक्षा होगी।राहुल की अगुवाई में लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम पिछले 2 साल लीग के अपने शुरुआती सत्र में प्लेऑफ में पहुंची थी। टीम हालांकि फाइनल में जगह नहीं बना सकी थी।
सुपर जायंट्स की टीम साल 2022 लीग चरण में तीसरे स्थान पर रही और उसे एलिमिनेटर में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से हार के बाद खिताबी दौड़ से बाहर होना पड़ा। पिछले साल भी लीग चरण में तीसरे स्थान पर रही सुपर जायंट्स को मुंबई से 81 रनों से करारी हार झेल कर वापस जाना पड़ा था। इस बार लखनऊ की कोशिश होगी कि कैसे भी एलिमिनेटर से आगे जाया जाए।
राहुल ने इससे पहले पंजाब किंग्स का भी नेतृत्व किया है लेकिन तब टीम का अभियान निराशाजनक तरीके से खत्म हुआ था।केएल राहुल ने एशिया कप और एकदिवसीय विश्वकप में औसत प्रदर्शन किया लेकिन अब बात यह है कि क्या वह टी-20 में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। या वह तेजी से रन बना सकते हैं या नहीं।जान लेते हैं कि लखनऊ के नवाबों की क्या मजबूत और कमजोप पक्ष है इस आईपीएल 2024 से पहले।
मजबूती:लखनऊ की टीम में कई कैरिबियाई खिलाड़ी मौजूद है जो टी-20 क्रिकेट को नैसर्गिक रूप से बेहतर खेलते हैं।लखनऊ सुपर जायंट्स ने इस साल शेमार जोसेफ को टीम में जोड़ा है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को गाबा में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। उन पर सबकी निगाहें होंगी।
लखनऊ सुपर जायंट्स ने पिछले साल वेस्टइंडीज के विकेटकीपर-बल्लेबाज निकोलस पूरन को 16 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा था। पूरन ने पिछले विकेटकीपिंग के लिए डिकॉक पहली पसंद होंगे लेकिन पूरन की मौजूदगी से टीम को विकल्प मिलेगा।
टीम की सबसे बड़ी ताकत हालांकि हरफनमौला खिलाड़ियों की सूची है। भारत के दीपक हुड्डा, क्रुणाल पांड्या, कृष्णप्पा गौतम के साथ टीम में मार्कस स्टोइनिस, काइल मायर्स और डेविड विली जैसे अंतरराष्ट्रीय हरफनमौला खिलाड़ी मौजूद है।
स्पिन विभाग में रवि बिश्नोई के साथ अनुभवी भारतीय गेंदबाज अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ी होंगे जबकि नीलामी में खरीदे गए शेमार जोसेफ प्रमुख तेज गेंदबाज रहने वाले हैं।
कमजोरी:शीर्ष क्रम में राहुल और डिकॉक/मेयर्स की आक्रामक बल्लेबाजी को जारी रखने के लिए टीम को मध्यक्रम के बल्लेबाजों का सही चयन करना होगा। आयुष बडोनी ने पहले आईपीएल सत्र में अच्छी शुरुआत की थी लेकिन फिर उनकी फॉर्म में गिरावट आई।उनका साथ देने के लिए टीम ने युवा देवदत्त पड्डीकल को खरीदा है लेकिन राजस्थान से लखनऊ आए पड्डीकल का भी फॉर्म बहुत अच्छा नहीं है।
मध्यक्रम में हुड्डा प्रभावशाली हो सकते हैं लेकिन युवा भारतीय खिलाड़ी के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करना बड़ा सवाल होगा, जो सबसे छोटे प्रारूप में पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय टीम से अंदर-बाहर होते रहे है।यह लखनऊ की एक कमजोर कड़ी दिख रही है। क्योंकि सिर्फ 4 विदेशी खिलाड़ी ही अंतिम ग्यारह का हिस्सा बन सकते हैं।
अवसर: राहुल ने साल 2022 के सत्र में 15 मैचों में दो शतक और चार अर्धशतक के साथ 51.33 की औसत से 616 रन बनाए थे।पिछले सत्र में केएल राहुल बीच में ही चोटिल हो गए थे और 9 मैचों में 34 की औसत और 113 की स्टारइक रेट से सिर्फ 274 रन ही बना सके थे। उनको धीमी बल्लेबाजी का दाग मिटाना है। क्विंटन डि कॉक राष्ट्रीय टीम से विदा ले चुके हैं तो वह बेखौफ खेल सकते हैं। कैरिबियाई खिलाड़ी वैसे भी बिना दबाव में खेलते हैं।
कहने का मतलब यह है राहुल के अलावा खिलाड़ियों पर ज्यादा दबाव नहीं है। वहीं जम्मू-कश्मीर के युवा तेज गेंदबाज युधवीर सिंह चरक या विदर्भ के लिए रणजी ट्रॉफी फाइनल खेल रहे यश ठाकुर को टूर्नामेंट के दौरान अपना कौशल दिखाने का मौका मिल सकता है।
खतरा:टीम की गेंदबाजी में अनुभव की कमी दिखती है। शमार जोसेफ उभरता हुआ नाम है और उनको टी-20 मैचों का अनुभव नहीं है। साल 2022 के स्टार गेंदबाज मोहसिन खान पिछले सत्र में 5 मैचों में 3 विकेट ले पाए थे। डेविड विली बतौर ऑलराउंडर टीम में अंकित है। नवीन उल हक टीम को वह भरोसा नहीं देते हैं। शिवम मावी खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय टीम से बाहर बैठे हैं। ऐसे में तेज गेंदबाजी चिंता का विषय है।
टीम- केएल राहुल (कप्तान), क्विंटन डि कॉक, देवदत्त पड्डीकल, निकोलस पूरन, आयुश बदोनी, दीपक हुड्डा, कृष्णप्पा गौतम, एश्टन टर्नर, क्रुणाल पांड्या, कायल मेयर्स, मार्कस स्टॉइनिस, डेविड विली, मोहम्मद अरशद खान, अरशीन कुलकर्णी, प्रेरक मकंद, युधवीर सिंह, शमार जोसेफ, मयंक यादव, मोहसिन खान, रवि विश्नोई, शिवम मावी, अमित मिश्रा, नवीन उल हक