चेन्नई सुपर किंग्स ने उतार-चढ़ाव से भरे एक बेहद रोमांचक मैच में गुरुवार को यहाँ दिल्ली डेयरडेविल्स को चार विकेट से हराकर इंडियन प्रीमियर लीग ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में फिर से विजयी राह पकड़ी। फिरोजशाह कोटला मैदान में दर्शकों को दिल्ली की हार से आखिर में जरूर निराश होना पड़ा। हालाँकि उन्होंने पूरे तीन घंटे बेहद रोमांचक मैच देखा, जिसका अंत आखिरी गेंद पर हुआ। सुपर किंग्स को अंतिम ओवर में 15 रन चाहिए थे। शोएब मलिक के इस ओवर की पहली गेंद पर मनप्रीत गोनी ने पहले छक्का और फिर चौका जड़ा। आखिरी गेंद पर एक रन की दरकार थी और एस. बद्रीनाथ ने उसे मिड ऑन पर उछालकर रन लेकर अपनी टीम को पाँचवीं जीत दिलाई। डेयरडेविल्स की इस हार से गौतम गंभीर (80) और शिखर धवन (59) की उम्दा पारियों पर भी पानी फिर गया, जिनकी बदौलत डेयरडेविल्स ने टॉस गँवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए पाँच विकेट पर 187 रन बनाए। एस. विद्युत (40) और स्टीफन फ्लेमिंग (44) ने चेन्नई सुपर किंग्स को अच्छी शुरुआत दिलाई। बाद में कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (33) और मोर्ने मोर्कल (30) ने जीत में उपयोगी योगदान दिया, जिससे टीम ने छह विकेट पर 188 रन बनाकर लगातार तीन हार के बाद जीत हासिल की। चेन्नई की टीम के इस जीत से आठ मैच में दस अंक हो गए हैं। दिल्ली की यह तीसरी हार है और उसके सात मैच में आठ अंक हैं। मैच हालाँकि कई उतार-चढ़ाव से गुजरा। पहले गंभीर और धवन का धमाल देखने को मिला तो बाद में विद्युत और फ्लेमिंग की अच्छी शुरुआत ने दर्शकों का मन मोहा। इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 62 रन जोड़े। विद्युत ने शुरुआत में आक्रामक तेवर दिखाए और प्रदीप सांगवान की गेंद पर आउट होने से पहले यो महेश को छक्का जमाने के अलावा छह चौके भी लगाए। धोनी (33) को शुरू में रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन फ्लेमिंग ने दूसरे छोर से गेंद को सीमा रेखा दिखाने का काम जारी रखा। वीरेंद्र सहवाग ने ऐसे समय में मोहम्मद आसिफ को गेंद सौंपी, जिन्होंने फ्लेमिंग की पारी का अंत किया। इसमें हालाँकि एबी डिविलियर्स का योगदान अहम रहा, जिन्होंने कवर में खूबसूरत कैच अपने हाथों में जकड़ा। फ्लेमिंग ने 28 गेंद खेली और सात चौके लगाए। दिल्ली को जल्द ही सुरेश रैना (1) का विकेट भी मिल गया, जो सांगवान का दूसरा विकेट था। मोर्ने मोर्कल (15 गेंद पर 30 रन) ने हालाँकि सहवाग के एक ओवर में लगातार तीन छक्कों सहित 23 रन लेकर डेयरडेविल्स को फिर से बैकफुट पर भेज दिया। सहवाग ने वैसे अगले ओवर में ही बदला चुकता कर दिया जब उन्होंने शार्ट एक्स्ट्रा कवर से सीधे थ्रो पर मोर्कल को पगबाधा आउट किया।धोनी की संघर्षपूर्ण पारी का अंत डिविलियर्स ने लांग ऑन पर बेहतरीन कैच लेकर किया, जिसमें तीन चौके शामिल है। यो महेश ने इसके बाद अगली गेंद पर चामरा कापुगेदारा को भी आउट करके मैच को रोमांचक बना दिया, लेकिन अंतिम ओवर मलिक को सौंपना सही फैसला नहीं रहा।धोनी 'मैन ऑफ द मैच' घोषितपाँचवें गेंदबाज की कमी खली-सहवागगंभीर को मिली दूसरी बार ओरेंज कैप...तो साहसिक कप्तान कहलाते सहवागसहवाग की पिटाई पर मजा आया-मोर्कलधोनी को मैन ऑफ द मैच देने पर सवाल
इससे पहले डेयर डेविल्स की पारी गंभीर और धवन के इर्द गिर्द ही घूमती रही। गंभीर ने शुरू से एक छोर संभाले रखा तथा 18वें ओवर की अंतिम गेंद पर आउट होने से पहले चेन्नई के गेंदबाजों को चैन नहीं लेने दिया।
उन्होंने अपनी पारी में 49 गेंद खेली तथा 11 चौके और एक छक्का लगाया। धवन ने भी तीन गेंद के अंदर दो विकेट गिरने के बाद डेयर डेविल्स पर दबाव नहीं बनने दिया और 46 गेंद की अपनी पारी में छह चौके और दो छक्के जड़कर गंभीर का पूरा साथ दिया।
चेन्नई सुपर किंग्स ने दिल्ली डेयर डेविल्स की ताकत यानी उसकी सलामी जोड़ी के लिए लिए खास रणनीति बनायी थी, लेकिन जब सहवाग क्रीज पर होते हैं तो फिर अच्छी खासी रणनीति भी धरी रह जाती है।
डेयर डेविल्स के कप्तान ने मनप्रीत गोनी की गेंद सीमा रेखा पार भेजने के बाद मोर्ने मोर्कल पर लगातार दो चौके जड़े लेकिन इसके बाद उनका बल्ला ठंडा पड़ गया और रही सही कसर गोनी के बेहतरीन एक्शन से फेंके गए यॉर्कर ने पूरी कर दी।
सहवाग इस यॉर्कर को समझ नहीं पाए जो उनके विकेट जमीन से उखाड़ गया। उन्होंने 18 गेंद पर 23 रन बनाए, जिसमें तीन चौके शामिल थे। मोर्कल ने अगले ओवर की दूसरी गेंद पर दक्षिण अफ्रीका के अपने साथी एबी डिविलियर्स को गुडलेंग्थ गेंद पर बोल्ड करके डेयर डेविल्स को दबाव में ला दिया।
गंभीर दो बार रन आउट होने से बाल बाल बचे और बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज ने इसका पूरा फायदा उठाया। उन्होंने ढीली गेंदों को सबक सिखाकर स्कोरबोर्ड भी चलायमान रखा।
उन्होंने गोनी की गेंद पर मिडविकेट के उपर से लंबा छक्का जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके साथ ही टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज को मिलने वाली ओरेंज कैप भी गंभीर के नाम पर हो गई।
गंभीर ने फिर अमरनाथ पर मिडविकेट एक्स्ट्रा कवर और गेंदबाज के सिर के उपर से लगातार तीन चौके जमाए। दूसरे छोर पर धवन ने मोर्कल पर चौका जड़कर अपना खाता खोला और फिर पलानी अमरनाथ की गेंद मिडविकेट और लांग ऑन के बीच में छह रन के लिए भेजी। उन्होंने भी गंभीर के अंदाज में ही लक्ष्मीपति बालाजी पर मिडविकेट पर छक्का जड़कर अर्धशतक पूरा किया।
बालाजी ने हालाँकि अपने इसी ओवर में गंभीर को प्वाइंट में खड़े चामरा कापुगेदारा के हाथों कैच कराकर चेन्नई को राहत दिलाई, जबकि मोर्कल ने अपने अगले ओवर में धवन को पैवेलियन भेजा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चेन्नई की तरफ से मोर्कल और बालाजी ने दो-दो विकेट लिए।