नई दिल्ली। चार वर्ष पहले जब रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने दूरसंचार सेक्टर में इंट्री की थी तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि यह कंपनी कुछ ही सालों में इस सेक्टर की तस्वीर बदलकर रख देगी। 2016 में 1 जीबी डेटा 185 से 200 रुपए जीबी तक मिलता था, आज रिलायंस जियो के पॉपुलर प्लान्स के मुताबिक ग्राहक के लिए प्रति जीबी डेटा की कीमत करीब 5 रुपए है। किफायती कीमतों के कारण डेटा खपत में भी भारी उछाल आया है। जियो के जन्म से पहले जहां डेटा खपत मात्र 0.24 जीबी प्रति ग्राहक प्रतिमाह थी, वहीं आज यह कई गुना बढ़कर 10.4 जीबी हो गई है।
कोरोनाकाल में किफायती डेटा की जरूरत तेजी से बढ़ी है। ‘वर्क फ्रॉम होम’ हो या बच्चों की ऑनलाइन क्लास, ऑनलाइन सामान मंगाना हो या ऑनलाइन डॉक्टर के साथ अपाइंटमेंट, सब का सब तभी संभव हो सका जब डेटा की कीमतें कम हों। यह जियो का ही प्रभाव है कि डेटा की कीमते ग्राहकों की पहुंच में हैं। रिलायंस जियो इसे डेटा क्रांति कहती रही है।
2106 में रिलायंस की सालाना आमसभा में जब मुकेश अंबानी बोलने खड़े हुए तो देश डेटा खपत के मामले में 155वें स्थान पर था। आज 4 साल बाद रिलायंस जियो की डेटा क्रांति की कारण देश दुनिया में डेटा खपत के मामले में नंबर वन है। ट्राई के मुताबिक अमेरिका और चीन मिलकर जितना मोबाइल 4जी डेटा खपत करते हैं, उनसे ज्यादा अकेले भारत के लोग डेटा का इस्तेमाल करते हैं। देश का 60 प्रतिशत से ज्यादा डेटा जियो नेटवर्क पर इस्तेमाल होता है।
जियोफाइबर के नए प्लान्स के साथ रिलायंस जियो ने एक बार फिर बाजार में तहलका मचा दिया है। पहली बार कोई कंपनी ट्रू अनलिमिटेड डेटा खपत वाला प्लान लेकर आई है। यानी प्लान के साथ कनेक्शन की स्पीड ही कम या ज्यादा होगी। ग्राहक जितना चाहे उतना डेटा इस्तेमाल कर सकता है। यह प्लान देश में डेटा खपत को को एक नया मुकाम देगा।
रिलायंस जियो ने आते ही कई नए प्रयोग किए। इसमें मुफ्त वॉयस कॉलिंग और किफायती डेटा तो था ही, साथ ही 2जी नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाले और ग्रामीण भारत के लिए कंपनी बेहद सस्ते दामों पर 4जी जियोफोन ले कर आई। आज कंपनी के पास 10 करोड़ से अधिक जियोफोन उपभोक्ता हैं। जियोफोन आने के बाद गांवों में डेटा सब्सक्राइबर नंबर काफी बढ़ गया। 2016 में जहां गांवों में 12 करोड़ के करीब ग्राहक इंटरनेट डेटा इस्तेमाल कर रहे थे, वहीं आज यह संख्या 28 करोड़ लोग के लगभग है।
सेक्टर की दिग्गज कंपनियों को रिलायंस जियो ने हर क्षेत्र में पीछे छोड़ा है। आज कंपनी उपभोक्ताओं, मार्किट शेयर और रेवेन्यू के मामले में नंबर वन है। कंपनी ने अपने नेटवर्क से ग्राहकों को जोड़ने में भी रिकॉर्ड कायम किया है। पिछले 4 सालों में जियो से करीब 40 करोड़ से अधिक यूजर जुड़े हैं।
‘Data is the new oil' रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी की यह टिप्पणी सच साबित हुई। कोरोनाकाल में रिलायंस जियो में दुनिया की तमाम बड़ी टेक्नॉलोजी कंपनियों ने निवेश किया। फेसबुक, गूगल जैसी कंपनियों के साथ साथ इंटेल और क्वालकॉम ने भी रिलायंस जियो के साथ साझेदारी की। टेक्नॉलोजी सेक्टर में 1.5 लाख करोड़ से अधिक का निवेश देश में पहली बार आया है।