नई दिल्ली। लोगों को जल्दी ही होटल बुकिंग, पूंजी बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री जैसे विभिन्न लेन-देन के लिए यूपीआई (UPI) के जरिए राशि अपने खाते में ब्लॉक करने और भुगतान करने की सुविधा मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई में एकबारगी राशि ब्लॉक करने और उसे अलग-अलग कार्यों के लिए काटे जाने (सिंगल ब्लॉक एंड मल्टीपल डेबिट) की सुविधा देने की घोषणा की।
ग्राहक जब भी आवश्यक हो पैसा काटे जाने के लिए अपने बैंक खातों में धनराशि निर्धारित कर संबंधित इकाई के लिये भुगतान को तय कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक के अनुसार इस व्यवस्था से ई-कॉमर्स और प्रतिभूतियों में निवेश के लिये भुगतान आसान होगा।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई की क्षमता बढ़ाकर ग्राहकों को सेवाओं के एवज में भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ब्लॉक करने की सुविधा देने का निर्णय किया गया है। इससे ई-कॉमर्स और प्रतिभूतियों में निवेश को लेकर भुगतान सुगम होगा।
इस व्यवस्था के तहत ग्राहकों को सेवाओं के एवज में भुगतान के लिए राशि अपने खाते में ब्लॉक करने की सुविधा मिलेगी और जब भी आवश्यकता हो, संबंधित राशि खाते से काटी जा सकती है।
इस सुविधा का उपयोग होटल बुकिंग, पूंजी बाजार में प्रतिभूतियों के साथ-साथ सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद में किया जा सकता है।
प्रतिभूति खरीदने के लिए केंद्रीय बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना के जरिए इसका उपयोग किया जा सकता है। बयान के अनुसार इससे लेन-देन में भरोसा बढ़ेगा क्योंकि कारोबारियों को समय पर भुगतान का भरोसा मिलेगा, वहीं वस्तु या सेवाएं मिलने तक राशि ग्राहक के खाते में पड़ी होगी।
यूपीआई के जरिए फिलहाल निर्धारित समय पर होने वाले लेन-देन और सिंगल-ब्लॉक-एंड-सिंगल-डेबिट की सुविधा है। मासिक आधार पर 70 लाख से अधिक स्वत: भुगतान सुविधा का प्रबंधन यूपीआई के जरिए हो रहा है, वहीं आधे से अधिक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) आवेदनों का प्रसंस्करण यूपीआई में रकम ब्लॉक करने की सुविधा से हो रहा है।
आरबीआई ने कहा कि इस बारे में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को जल्दी ही निर्देश जारी किया जाएगा।
दास ने भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) में सभी भुगतान और संग्रह शामिल कर इसका दायरा बढ़ाने की भी घोषणा की।
अभी बीबीपीएस के पास अलग-अलग समय पर होने वाले भुगतान या व्यक्तियों को मिलने वाली राशि के भुगतान की सुविधा नहीं है, भले ही उसका भुगतान निश्चित समय पर करने की जरूरत क्यों न हो।
दास ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप पेशेवर सेवा शुल्क भुगतान, शिक्षा शुल्क, कर भुगतान, किराया संग्रह इसके दायरे में नहीं है।
दास ने कहा कि नई प्रणाली बीबीपीएस मंच को व्यक्तियों और व्यवसायों के व्यापक समूह के लिए सुलभ बनाएगी। इस संदर्भ में रिजर्व बैंक अलग से दिशा-निर्देश जारी करेगा। एजेंसियां