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YouTube का बड़ा ऐलान : अब इन वीडियो पर नहीं मिलेगा पैसा, कहीं आपका चैनल भी तो लिस्ट में नहीं?

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हमें फॉलो करें What is the new monetization policy of YouTube

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 5 अगस्त 2025 (17:57 IST)
What is the new monetization policy of YouTube : यूट्यूब, दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो प्लेटफॉर्म, अपने मॉनेटाइजेशन नियमों में एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। 15 जुलाई 2025 से, यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) के तहत उन चैनल्स को विज्ञापन राजस्व नहीं मिलेगा जो "बड़े पैमाने पर निर्मित, दोहराव वाले या गैर-प्रामाणिक" कंटेंट अपलोड करते हैं। इस कदम का सीधा असर उन क्रिएटर्स पर पड़ेगा जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके कम मेहनत वाले वीडियो बनाते हैं।
क्यों हो रहा है यह बदलाव?
यूट्यूब के अनुसार, प्लेटफॉर्म पर ऐसे कंटेंट की बाढ़ आ गई है जो ऑटोमेटेड टूल्स और AI की मदद से बड़ी संख्या में बनाए जाते हैं। ये वीडियो अक्सर स्टॉक फुटेज, सिंथेटिक आवाज और कॉपी किए गए टेक्स्ट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे कंटेंट से दर्शकों को कोई खास जानकारी या मनोरंजन नहीं मिलता, जिससे उनका अनुभव खराब होता है।
 
इस बदलाव के पीछे तीन मुख्य कारण हैं :
 
यूजर्स के अनुभव में सुधार : यूट्यूब चाहता है कि दर्शकों को प्लेटफॉर्म पर उच्च-गुणवत्ता और ओरिजिनल कंटेंट मिले।
 
विज्ञापनदाताओं की शिकायतें : विज्ञापनदाता ऐसे वीडियो पर अपने विज्ञापन नहीं दिखाना चाहते हैं, जो कम गुणवत्ता वाले हों।
 
ओरिजिनल क्रिएटर्स को बढ़ावा : यूट्यूब उन क्रिएटर्स को सपोर्ट करना चाहता है जो वाकई मेहनत करके अनूठा और प्रामाणिक कंटेंट बनाते हैं।
नए नियम क्या कहते हैं?
15 जुलाई 2025 से लागू होने वाले ये नियम विशेष रूप से उन वीडियो को प्रभावित करेंगे, जिन्हें "बड़े पैमाने पर निर्मित" या "दोहराव वाला" माना जाता है।
 
बड़े पैमाने पर निर्मित कंटेंट : यह वह कंटेंट है जो AI या ऑटोमेटेड स्क्रिप्ट्स का उपयोग करके न्यूनतम बदलाव के साथ बनाया जाता है। उदाहरण के लिए, सैकड़ों लिस्ट वीडियो जिनमें केवल शीर्षक में थोड़ा अंतर होता है।
 
दोहराव वाला कंटेंट : ऐसे वीडियो जो इतने मिलते-जुलते हैं कि दर्शकों को कोई नई जानकारी या मनोरंजन नहीं मिलता। जैसे कि हल्के-फुल्के क्रॉप किए गए वीडियो को दोबारा अपलोड करना या लूपिंग फुटेज का संकलन बनाना।
 
यूट्यूब AI-जनरेटेड कंटेंट के पूरी तरह खिलाफ नहीं है। अगर क्रिएटर्स AI का उपयोग ओरिजिनल कमेंट्री, एनालिसिस या क्रिएटिव स्टोरीटेलिंग के साथ करते हैं, तो ऐसे वीडियो से कमाई जारी रहेगी। लेकिन, स्टॉक फुटेज के साथ केवल टेक्स्ट पढ़कर सुनाने वाले ऑटोमेटेड वीडियो अब मॉनेटाइज नहीं होंगे।
 
क्या चैनल में शामिल होने के नियमों में बदलाव होगा?
यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) में शामिल होने के लिए अभी भी 1,000 सब्सक्राइबर और 4,000 पब्लिक वॉच आवर्स (12 महीनों में) या 10 मिलियन शॉर्ट्स व्यूज (90 दिनों में) की शर्तें लागू रहेंगी। हालांकि, अब इन शर्तों के साथ कंटेंट की मौलिकता (Originality) पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसका मतलब है कि सिर्फ संख्या पूरी कर लेने से ही आपका चैनल मॉनेटाइज नहीं होगा, बल्कि आपके कंटेंट की गुणवत्ता भी मायने रखेगी।
 
क्रिएटर्स पर क्या होगा प्रभाव?
जिन चैनल्स पर बड़ी मात्रा में दोहराव वाले या कम मूल्य के वीडियो हैं, उन्हें विज्ञापन राजस्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यूट्यूब शुरुआत में इन चैनल्स को सीधे स्ट्राइक नहीं देगा, बल्कि उनके कंटेंट को हटाएगा ताकि क्रिएटर्स को नए दिशानिर्देशों के अनुरूप होने का समय मिल सके।
 
यह बदलाव उन क्रिएटर्स के लिए एक चुनौती है जो AI पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। हालांकि, यह उन लोगों के लिए एक बड़ा अवसर भी है जो प्रामाणिक और रचनात्मक कंटेंट बनाते हैं।
 
क्रिएटर्स के लिए सुझाव :
अगर आप एक यूट्यूबर हैं और इन बदलावों से बचना चाहते हैं, तो इन सुझावों को अपना सकते हैं:
अपने वीडियो में मूल कमेंट्री, विश्लेषण, या रचनात्मक कहानी को प्राथमिकता दें।
AI टूल्स का इस्तेमाल करें, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आपके कंटेंट में आपका व्यक्तिगत योगदान स्पष्ट हो।
दोहराव वाले टेम्पलेट्स या न्यूनतम बदलाव वाले वीडियो बनाने से बचें।
यूट्यूब की यह नई नीति प्लेटफॉर्म की गुणवत्ता को बढ़ाने और क्रिएटर्स को अधिक मौलिक और रचनात्मक कंटेंट बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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