G-20 meeting in Srinagar: सुरक्षाधिकरी दावा कर रहे हैं कि जी-20 (G-20 meetings) की कश्मीर में 22 से 25 मई के बीच होने जा रही बैठकों के लिए सुरक्षा प्रबंध (security arrangements) पूरी तरह से चाक-चौबंद किए जा चुके हैं, पर अंतिम समय में श्रीनगर शहर (Srinagar city) की खूबसूरती में पैबंद बने हुए बंकरों को अब पूरी तरह से न हटाने का लिया गया फैसला खतरे की ओर संकेत जरूर करता था।
अब इन बंकरों को खूबसूरत बनाने के साथ ही सिर्फ रिलॉकेट किया जा रहा है, क्योंकि हाई अलर्ट के बावजूद सुरक्षाधिकारी कहते थे कि अज्ञात खतरा अभी टला नहीं है। जी-20 सम्मेलन में आ रहे विभिन्न देशों के प्रतिनिधि श्रीनगर में 3 दिनों तक विभिन्न इलाकों में विचरण भी करेंगे जिनमें डल झील में शिकारे की सैर, लाल चौक का दौरा, डाचीगाम में हंगुल को देखना तथा मुगलकालीन बागों की खूबसूरती को निहारना शामिल हैं।
अधिकारियों के मुताबिक अभी तक उनके गुलमर्ग के एक दिनी दौरे को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। विदेशी मेहमानों की सुरक्षा पर कोई खतरा न रहे, इसकी खातिर अप्रत्यक्ष तौर पर स्थानीय नागरिकों को 22 से 25 मई के अंतराल में अपनी गतिविधियों को सीमित रखने के लिए कहा जा रहा है जबकि ट्रैवल एजेंटों को भी टूरिस्टों के दौरों के प्रति आगाह किया जा रहा है।
इतना जरूर था कि सैकड़ों जवानों की तैनाती की योजना में करीब 700-800 उन जवानों व अधिकारियों को नहीं गिना गया है जिन्हें उधमपुर पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है, जहां से उन्हें श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में सादी वर्दी में विदेशी मेहमानों के साथ साये की तरह तैनात किया जाएगा।
लेकिन इतना जरूर है कि कश्मीर में 'सब चंगा है' दिखाने की खातिर श्रीनगर के राजधानी शहर से जो सुरक्षा बंकरों को पूरी तरह से हटाने का फैसला लिया गया गया था, वह अब 'अज्ञात' खतरे के चलते वापस ले लिया गया है। 3 दिन पहले कश्मीर रेंज के एडीजीपी विजय कुमार की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल सुरक्षाधिकारियों की एक बैठक में ऐसे अज्ञात खतरे पर भी गहरी चर्चा हुई थी और केरिपुब के बंकरों को फिलहाल रिलॉकेट कर उन्हें खूबसूरत बनाने का ही फैसला लिया गया है।
पिछले महीने श्रीनगर के मेयर ने इसके प्रति प्रयास किया था कि श्रीनगर शहर की खूबसूरती में टाट के पैबंद की तरह काले धब्बे बने हुए सुरक्षाबलों के बंकर पूरी तरह से हटा दिए जाएं और उनके स्थान पर मोबाइल बंकर स्थापित किए जाएं, पर 'अज्ञात' खतरे के चलते अब ऐसा नहीं होगा। उसके स्थान पर बंकरों को आगे-पीछे कर उन्हें सजा दिया जाएगा जिस पर करीब 45 लाख का खर्चा किया जाना है।
दरअसल, श्रीनगर में चौक-चौराहों, गली-नुक्कड़ों और पुलों के आसपास ईंट की कच्ची चिनाई, रेत की बोरियों तथा टीन की चादरों से इन बंकरों को तैयार किया गया है जिन्हें हटवाने को कश्मीरी कई सालों से प्रयासरत हैं।
Edited by: Ravindra Gupta