जम्मू। वैसे यह पहली बार नहीं होगा कि श्रीनगर शहर से सुरक्षाबलों के बंकरों को हटाया जाएगा या फिर उन्हें रिलोकेट किया जाएगा। दरअसल, इस बार श्रीनगर में जी-20 की बैठक होने वाली है और भारत सरकार शहर की खूबसूरती पर धब्बे की तरह दिखने वाले बंकरों के प्रति गंभीर है।
अधिकारियों ने इसे माना है कि इस साल मई में बड़ी धूमधाम से होने वाली जी-20 बैठक से पहले यहां जिला प्रशासन शहरभर में स्मार्ट सुरक्षा बंकर पेश कर सकता है। हालांकि केरिपुब, श्रीनगर सेक्टर के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अभिराम पंकज का कहना था कि बंकरों को हटाने का जी-20 बैठक से कोई लेना-देना नहीं है और जम्मू-कश्मीर पुलिस पूरी प्रक्रिया की समीक्षा कर रही है।
उनका कहना है कि केरिपुब का इससे कोई लेना-देना नहीं है। यह जम्मू-कश्मीर पुलिस है जो इसकी समीक्षा कर रही है। उन्होंने पक्के बंकरों को हटा दिया है और उनकी जगह मोबाइल बंकर लगा दिए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) के एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन शहर में बंकरों के सौंदर्यीकरण करने की कवायद आरंभ कर रहा है।
विशेष रूप से डल झील के आसपास और श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से शहर के केंद्र लाल चौक की ओर। उन्होंने आगे कहा कि शहर में बंकरों को फैंसी लुक दिया जाएगा। वैसे वे मानते हैं कि इसमें केरिपुब की भूमिका भी रहेगी क्योंकि वह अपनी जरूरतों को बताएगा ताकि सुरक्षा के साथ समझौता न हो।
जानकारी के लिए ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर शहर इस साल मई में जी-20 कार्यक्रमों में से एक की मेजबानी करने जा रहा है, जिसके लिए प्रशासन प्रमुख सड़कों की मरम्मत, जल निकासी व्यवस्था और शहर के सौंदर्यीकरण की अग्रिम व्यवस्था कर रहा है।
श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर शहर का चेहरा बदलने का काम जोरों पर चल रहा है। विभिन्न स्मार्ट सिटी परियोजनाएं चल रही हैं, जो अगले महीने पूरी हो जाएंगी और इसमें सुरक्षाबलों के बंकरों को रिलोकेट करने का काम मुख्य है।
कश्मीर में होने जा रही इस बैठक के मद्देनजर केंद्र सरकार ने कश्मीर में विशेष रूप से श्रीनगर में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियों को रवाना किया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि पिछले साल नागरिकों की लक्षित हत्या ने शहर को दहला दिया था। सेना की तैनाती के बाद आतंकवादियों को और हमले करने से रोकने के लिए कई बंकर स्थापित किए गए थे।
वर्ष 2010 में भी कश्मीर का दौरा करने वाले एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई सिफारिशों पर श्रीनगर में 50 से अधिक सुरक्षा बंकरों को हटा दिया गया था। हालांकि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और 2021 में नागरिकों और कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याओं की श्रृंखला के बाद बंकरों ने वापसी की तो उसने 1990 के चरम आतंकवाद की याद दिला दी थी जब चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों के बंकरों ने जीना मुहाल कर दिया था।
इससे पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रशासन द्वारा शहर के विभिन्न हिस्सों से कई बंकरों को हटाया जा रहा है। डलगेट, बारजुल्ला और जहांगीर-चौक फ्लाईओवर के आसपास केरिपुब सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) द्वारा संचालित सुरक्षा बंकरों को अब तक हटा दिया गया है और आने वाले हफ्तों में शहर के अन्य क्षेत्रों से कई बंकरों को हटाने या स्थानांतरित किए जाने की संभावना है।