Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कश्‍मीर में बिजली की कमी से औद्योगिक उत्‍पादन न के बराबर

हमें फॉलो करें electricity crisis

सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 21 नवंबर 2023 (09:23 IST)
Jammu Kashmir news : अगा कश्‍मीर के उद्योगपतियों के दावे को सच माना जाए तो बिजली की बिगड़ती स्थिति का असर कश्मीर घाटी के औद्योगिक क्षेत्र पर पड़ रहा है, जिससे उत्पादन में 75% से अधिक की भारी गिरावट आई है। यह पूरी तरह से सच है कि कश्‍मीर में एक महीने से अधिक समय से बिजली संकट बना हुआ है, जिसका असर घरेलू और वाणिज्यिक दोनों उपभोक्ताओं पर पड़ा है।
 
कश्मीर चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (KCCI) के बकौल, उन्हें नियमित रूप से विभिन्न उद्योगों से एसओएस कालल मिलते हैं जो उचित बिजली आपूर्ति की कमी के कारण प्रभावित होते हैं। केसीसीआई के महासचिव फैज अहमद बख्शी कहते थे कि आतिथ्य सत्कार से लेकर कुटीर उद्योगों तक, बिजली की स्थिति ने सेवा क्षेत्र को गहराई से प्रभावित किया है।
 
न तो उद्योगपति और न ही छोटे व्यापारी अनिर्धारित बिजली कटौती के कारण अपना व्यवसाय प्रबंधित करने में सक्षम हैं। वे कहते थे कि वे अब इस मुद्दे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
 बख्‍शी के मुताबिक, हर क्षेत्र पीड़ित है। वे कहते थे कि हम कश्मीर में बिजली की स्थिति में सुधार के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के हस्तक्षेप की मांग करते हैं।
 
फेडरेशन चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज कश्मीर के अध्यक्ष शाहिद कामिली कहते हैं कि मौजूदा बिजली परिदृश्य ने उद्योगपतियों के नुकसान को बढ़ा दिया है। उनके बकौल, वर्तमान बिजली परिदृश्य का औद्योगिक क्षेत्र पर प्रभाव कल्पना से परे है। सर्दियों के मौसम में हमारे पास काम के सीमित घंटे होते हैं और बिजली की अनुपस्थिति हमारी समस्याओं को जटिल बना रही है।
 
उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र द्वारा उत्पादन में 75 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। कामिली के बकौल, कई उद्योग गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में बदलने के कगार पर हैं।
उनका कहना था कि जब कोई उत्पादन नहीं होता है, तो उद्योग सहज घाटे की रिपोर्ट करने का झटका नहीं सहेंगे। उद्योगपति लागत-प्रतिस्पर्धा पर काम कर रहे हैं। उद्योगपति ऋण के लिए किस्तों का प्रबंधन करने में विफल हो रहे हैं।
 
कामिली ने आरा मिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि कश्‍मीर में वर्तमान में 500 से अधिक ऐसी इकाइयां प्रभावित हैं। हमारे पास फेडरेशन के साथ पंजीकृत लगभग 500 आरा मिलें हैं। हम अक्सर उनसे होने वाले नुकसान के बारे में सुनते हैं। इन उद्योगों के अलावा, हमारे पास कोल्ड स्टोरेज, डायग्नोस्टिक्स और अन्य सहित कई इकाइयाँ हैं जो भारी नुकसान की रिपोर्ट करती हैं।
 
जिन उद्योगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, उनमें कोल्ड स्टोरेज, सेब ग्रेडिंग और पैकेजिंग उद्योग और फर्नीचर उद्योग शामिल हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सुरंग में पहुंचा एंडोस्कोपिक कैमरा, वीडियो में दिखा टनल में फंसे मजदूरों का हाल