LOC: जम्मू-कश्मीर में एलओसी (LoC) पर हाई अलर्ट (High alert) जारी कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में कई शीर्ष आतंकी और फिदायीन समूह (fidayeen groups) एलओसी के रास्ते घुसपैठ की कोशिश में है जिसके चलते यहां अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले एलओसी से सटे कुपवाड़ा में सेना ने कल 5 आतंकियों को मार गिराया था। मंगलवार को भी 2 घुसपैठिए इसी सेक्टर में मारे गए थे।
सेनाधिकरी कहते थे कि यहां बड़ी संख्या में हथियारों से लैस आतंकी एलओसी पार करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन समय रहते सुरक्षा बलों को इसकी भनक लग गई। इसके बाद सेना ने अपनी घेराबंदी मजबूत कर दी और दोनों तरफ से कई घंटों तक भारी फायरिंग होती रही।
पिछले कुछ दिनों से पाक सेना द्वारा बार-बार संघर्ष विराम को दांव पर लगाकर घुसपैठ के प्रयास के साथ-साथ भारतीय सेना का ध्यान भटकाने में लगी हुई है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी सेना व पाक की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) हमले की योजना बना रही है।
इस बीच अब जबकि एलओसी पर बर्फ पिघलने लगी है, घुसपैठ का खतरा भयानक रूप से मंडराने लगा है। अधिकारियों ने इसे माना है कि कश्मीर के कई सेक्टरों से कुछ आतंकियों के पिछले दिनों घुसने में कामयाब होने की अपुष्ट खबरें हैं और उनके खात्मे के लिए सेना बहुत बड़े अभियान को भी छेड़ चुकी है।
रक्षाधिकारियों के बकौल घुसपैठ की घटनाएं पुन: न हो, इसके लिए बर्फ के पूरी तरह से पिघलने से पहले ही पारंपरिक घुसपैठ के रास्तों पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर देना जरूरी है। कितने अतिरिक्त सैनिकों को एलओसी और बॉर्डर पर भेजा गया है, इसका कोई आंकड़ा सरकारी तौर पर मुहैया नहीं करवाया गया है, पर सूत्र कहते हैं कि ये संख्या हजारों में है।
इतना जरूर है कि सेना को एलओसी पर घुसपैठ तथा कश्मीर के भीतर आंतरिक आतंकवाद विरोधी अभियानों के दोहरे मोर्चे पर जूझने के लिए अब सेना सैनिकों की कमी इसलिए महसूस कर रही है, क्योंकि उसकी सूचनाएं कहती हैं कि आतंकवादी एकसाथ दोहरा मोर्चा खोल सेना के लिए मुसीबतें पैदा कर सकते हैं और इसकी खातिर सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे हुए सैनिकों को भी हटाकर एलओसी पर भेजने की मजूबरी के दौर से गुजरना पड़ रहा है जबकि उसे अब 2 महीनों तक अमरनाथ यात्रा के मोर्चे पर भी जूझना होगा।
Edited by: Ravindra Gupta