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जम्मू-कश्मीर में स्कूलों का बुरा हाल, बच्चों को सोशल मीडिया का सहारा

हमें फॉलो करें जम्मू-कश्मीर में स्कूलों का बुरा हाल, बच्चों को सोशल मीडिया का सहारा

सुरेश एस डुग्गर

, गुरुवार, 20 अप्रैल 2023 (10:35 IST)
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का कमाल
24 घंटे में शुरू हुआ स्कूल का काम
नन्हीं सीरत ने पोस्ट किया था वीडियो
jammu kashmir education :  जम्मू कश्मीर की शिक्षा व्यवस्था और उससे जुड़ी व्यवस्थाओं का हाल क्या है, दो सालों में दो बच्चों द्वारा वीडियो बना सोशल मीडिया पर डाल कर प्रधानमंत्री से अपील करने की घटनाओं से साबित होता है। ताजा मामले में स्कूल की दशा सुधारने का आदेश तो मिल गया पर अभी भी प्रदेश में ऐसे कई स्कूल हैं जो अपनी दुर्दशा पर रो रहे हैं। ऐसे स्कूलों की दशा को सुधारने के लिए शायद सरकार को किसी अलख की जरूरत है।
 
इतना जरूर था कि कठुआ के लोहाई मल्हार के बरसों पुराने स्कूल की दशा सुधारने की मांग को लेकर वहां की नन्हीं छात्रा सीरत की सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने कमाल जरूर दिखाया है। चौबीस घंटे के भीतर ही डेढ़ लाख टाइलें इमारत का काम पूरा करवाने के लिए लोहाई मल्हार पहुंचाई जा चुकी हैं।
 
अगर सरकारी दावों पर विश्वास करें तो इस स्कूल के लिए एक करोड़ रुपए के और काम समग्र शिक्षा के तहत प्रस्तावित किए गए हैं जिसमें अब कंप्यूटर लैब से लेकर तीन अतिरिक्त क्लास रूम और आर्ट्स एंड क्राफ्ट रूम, तीन अतिरिक्त कमरे भी तैयार किए जा रहे हैं। जिस स्कूल का वीडियो वायरल हुआ था वहां एक करोड़ रुपये के काम बीते और इस वित्तीय वर्ष में मंजूर हुए हैं। जिन पर काम अब इस नन्हीं पुकार के बाद शुरू होने जा रहे हैं।
 
यह कोई पहला मौका नहीं है कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था और व्यवस्थाओं को लेकर नन्हें बच्चों को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा हो। वर्ष 2020 के जून महीने में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक छोटी बच्ची की स्कूली बस्ते के बोझ और होमवर्क की शिकायत के बाद उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने 48 घंटों के भीतर समीक्षा करने के निर्देश जारी किए थे।
 
तब दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर कश्मीर की एक बच्ची का शिकायती वीडियो इंटरनेट मीडिया में सुर्खियों में आया था जिसमें बच्ची प्रधानमंत्री से बड़े ही मासूम अंदाज में अपनी टीचर की शिकायत करती नजर आती थी। इसमें वह कहती थी कि मैडम बहुत काम देती है।
 
अपने अंदाज में बच्ची ने कहा था कि मैं छह साल की हूं और इन दिनों स्कूल की आनलाइन क्लास का बच्चों पर बहुत बोझ है। बच्ची ने कहा था कि जो छोटे बच्चे होते हैं उनको स्कूल वाले ज्यादा काम देते हैं, ऐसा क्यों। बच्ची ने बताया कि वह सुबह उठने के साथ ही स्कूल के कामकाज में लग जाती है। इस मासूम शिकायती वीडियो को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गंभीरता से लिया था।


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