Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कश्मीर में ला नीना इफेक्ट, जानिए कैसा रहेगा मौसम?

हमें फॉलो करें Kashmir

सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 2 दिसंबर 2024 (10:33 IST)
Kashmir weather : कई महीनों से सूखे से जूझ रही कश्‍मीर वादी के लिए इस बार ला नीना का प्रभाव खुशी और गम भी लेकर आ रहा है। मौसम वैज्ञानी कह रहे हैं कि ला नीना के प्रभाव के कारण सूखे से तो निजात मिलेगी पर कातिल ठंडी जान भी ले लेगी।
 
दरअसल कश्मीर में सर्दी का मौसम शुरू हो रहा है और मौसम पहले से ही ठंड के मौसम के संकेत दे रहा है। जम्मू और कश्मीर में सुबह के समय कोहरा छाया रहता है और अधिकतम और न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है, भारतीय मौसम विभाग ने ला नीना घटना का पूर्वानुमान लगाया है।
 
श्रीनगर मौसम केंद्र में तैनात भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मुख्तार ने ला नीना मौसम प्रभाव की शुरुआत की पुष्टि की है और इस साल कश्मीर क्षेत्र में सामान्य से अधिक ठंड और बारिश होने का अनुमान लगाया है। वे कहते हैं कि इस साल दिसंबर के मध्य से ला नीना का प्रभाव स्पष्ट होने की संभावना है, जिसमें भारी वर्षा और तेज ठंड पड़ने की उम्मीद है।
 
जानकारी के लिए ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाली एक प्राकृतिक जलवायु घटना है। इसकी विशेषता मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में औसत से अधिक ठंडे समुद्री सतह के तापमान से होती है। यह ठंड वायुमंडलीय परिसंचरण पैटर्न को बाधित करती है, जो दुनिया भर में मौसम प्रणालियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
 
आमतौर पर, ला नीना दक्षिण-पूर्व एशिया और आस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में सामान्य से ज्‍यादा बारिश की स्थिति पैदा करता है, जबकि कश्मीर सहित दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्रों में सर्दियां ठंडी होती हैं और वर्षा में वृद्धि होती है।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि इस साल, ला नीना प्रशांत महासागर के ऊपर बन रहा है, जिसका असर पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है।

भारतीय मौसम विभाग के बकौल, जबकि मौजूदा परिस्थितियां तटस्थ से कमजोर ला नीना हैं, सर्दी बढ़ने के साथ इस घटना के मज़बूत होने की उम्मीद है। यह तीव्रता कश्मीर क्षेत्र और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में ठंड और वर्षा के प्रभाव को बढ़ाएगी।
 
बदलते मौसम पैटर्न पर बोलते हुए, डॉ मुख्तार कहते थे कि ला नीना प्रभाव वायुमंडलीय गतिशीलता को इस तरह से बदलता है कि असामान्य वर्षा और ठंडा तापमान लाता है। यह कश्मीर के लिए कठोर सर्दी का कारण बन सकता है, जिसमें अधिक बार बर्फबारी और लंबे समय तक ठंड का दौर हो सकता है। उनका यह भी कहना था कि ला नीना के पिछले उदाहरणों, विशेष रूप से 2018-19 और 2021-22 में, इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण बर्फबारी हुई।
 
वे कहते हैं कि इस मौसम में भारी बर्फबारी और बारिश की संभावना अधिक है, और इसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों की तुलना में बहुत अधिक ठंड पड़ सकती है। कश्मीर वादी, जो पहले से ही बर्फीली सर्दियों की आदी है, ला नीना के प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनी हुई है।
Edited by : Nrapendra Gupta 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

LIVE: दिल्ली कूच के लिए किसान तैयार, सड़कों पर लगा जाम