Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कश्मीर में भीषण शीतलहर की स्थिति, तापमान जमाव बिंदु से नीचे पहुंचा

जलाशयों एवं जलापूर्ति लाइन में पानी जमा

हमें फॉलो करें कश्मीर में भीषण शीतलहर की स्थिति, तापमान जमाव बिंदु से नीचे पहुंचा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

श्रीनगर , गुरुवार, 26 दिसंबर 2024 (12:22 IST)
cold wave in Kashmir: समूचा कश्मीर भीषण शीतलहर (cold wave) की चपेट में है और न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री नीचे पहुंच गया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी (snowfall) होने की संभावना है, क्योंकि क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव होने की संभावना है।
 
जलाशयों एवं जलापूर्ति लाइन में पानी जमा : कश्मीर घाटी में रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई जिससे घाटी में ठंड का प्रकोप जारी रहा। पारे में गिरावट के कारण विभिन्न क्षेत्रों में कई जलाशयों एवं जलापूर्ति लाइन में पानी जम गया है।
 
मौसम विभाग ने बताया कि श्रीनगर में बुधवार रात को न्यूनतम तापमान शून्य से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि इससे पूर्व मंगलवार रात को शून्य से 7.3 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया था। गुलमर्ग में बुधवार रात को न्यूनतम तापमान शून्य से 6 डिग्री सेल्सियस नीचे और पहलगाम में शून्य से 8.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
 
यहां तापमान शून्य से नीचे : मौसम विभाग ने बताया कि काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि शून्य से 9 डिग्री सेल्सियस नीचे न्यूनतम तापमान के साथ कोनिबल घाटी का सबसे ठंडा स्थान रहा। कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि कोकेरनाग में यह शून्य से 5.5 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
 
मौसम विभाग ने कहा है कि एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ शुक्रवार दोपहर से शनिवार दोपहर तक जम्मू-कश्मीर को प्रभावित कर सकता है। मौसम विभाग ने बताया कि इस प्रणाली के प्रभाव से शुक्रवार की दोपहर से लेकर अगले दिन दोपहर तक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी होने की संभावना है।
 
मौसम विभाग के अनुसार 29, 30 और 31 दिसंबर को मौसम मुख्यत: शुष्क रहेगा जबकि 1 से 4 जनवरी तक कश्मीर में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बर्फबारी की संभावना है।
 
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में कश्मीर घाटी 'चिल्ला-ए-कलां' (बहुत अधिक सर्दी) की चपेट में है। इसे सर्दियों का सबसे कठिन समय माना जाता है, जो 21 दिसंबर से शुरू हुआ था।
 
'चिल्ला-ए-कलां' की 40 दिनों की अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान काफी गिर जाता है। 'चिल्ला-ए-कलां' अगले साल 30 जनवरी को खत्म हो जाएगा, लेकिन शीतलहर जारी रहेगी। 40 दिनों के बाद 20 दिवसीय 'चिल्ला-ए-खुर्द' और 10 दिन का 'चिल्ला-ए-बच्चा' भी होगा जब घाटी में ठंड में धीरे-धीरे कमी आएगी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या EPF की न्यूनतम पेंशन 7500 होगी, क्या है सरकार की योजना?