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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव चुघ ने कांग्रेस पर लगाया आंबेडकर के अपमान का आरोप

कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

जम्मू , मंगलवार, 24 दिसंबर 2024 (19:24 IST)
Congress accused of insulting Ambedkar : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ (Tarun Chugh) ने मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने आजादी से पहले और बाद में भी डॉ. भीमराव आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) का बार-बार अपमान किया है।
 
आंबेडकर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया : चुघ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आंबेडकर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया तथा उनके त्यागपत्र को आंबेडकर के प्रति प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मानसिकता का सबूत बताया। उन्होंने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार की भी आलोचना की तथा उस पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने के कारण लोगों का विश्वास और समर्थन खोने का आरोप लगाया।ALSO READ: संसद में धक्का मुक्की में घायल भाजपा सांसदों को अस्पताल से मिली छुट्टी
 
चुघ ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को बताया कि मैं एक अखबार की रिपोर्ट पढ़ रहा था (विरोध प्रदर्शनों के बारे में)। कांग्रेस पार्टी का डॉ. आंबेडकर का अनादर करने का एक लंबा इतिहास रहा है - उनके जीवनकाल के दौरान और उनके निधन के बाद भी। यह स्वतंत्रता से पहले और बाद में उनके कार्यों से स्पष्ट है, जिसमें उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर करना भी शामिल है।
 
पंडित नेहरू की पक्षपातपूर्ण मानसिकता थी : उन्होंने कहा कि यदि आप उनके त्यागपत्र का विश्लेषण करें तो यह पंडित नेहरू की पक्षपातपूर्ण मानसिकता को उजागर करता है, जिन्होंने प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में लगातार आंबेडकर की विचारधारा का विरोध किया। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर का उनके जीवनकाल में लगातार अपमान करने वाली कांग्रेस ने आजादी से पहले और बाद में भी उनके विचारों का विरोध किया।ALSO READ: Delhi Election : भाजपा ने बनाई 230 संभावित उम्मीदवारों की सूची, कुल 70 सीटों पर होगा विधानसभा चुनाव
 
पंडित नेहरू ने आरक्षण का विरोध किया था : चुघ ने आरोप लगाया कि अगर आप उनके पत्रों को देखेंगे तो पाएंगे कि पंडित नेहरू ने किस तरह आरक्षण का विरोध किया था। देश कभी नहीं भूल सकता कि नेहरू ने आंबेडकर के साथ कैसा अन्याय किया था। नेहरू ने भी खुद को भारत रत्न से सम्मानित किया और बाद में इंदिरा गांधी ने भी यही किया। हालांकि, आंबेडकर को उनके शासनकाल में यह सम्मान नहीं दिया गया।
 
आंबेडकर को सम्मानित करने के अपनी पार्टी के फैसले की प्रशंसा करते हुए चुघ ने कहा कि यह केवल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान ही संभव हुआ कि आंबेडकर को अंततः भारत रत्न से सम्मानित किया गया – उनकी मृत्यु के 40 साल बाद।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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