Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हिंदुत्व एक बीमारी है, महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती बोली- मुस्लिम बच्चों को पीटने के लिए हो रहा है जय श्रीराम का नारा

Advertiesment
हमें फॉलो करें Iltija Mufti

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

जम्मू , सोमवार, 9 दिसंबर 2024 (21:17 IST)
Iltija Mufti News : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने कहा कि ‘हिंदुत्व’ एक बीमारी है जिससे हिंदू धर्म बदनाम हो रहा है और अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों को पीट-पीट कर मार डालने और उनके उत्पीड़न’ को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि भाजपा इसे अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। यह सब देखकर भगवान राम भी बेबसी और शर्म से सिर झुका लेंगे कि नाबालिग मुस्लिम लड़कों को सिर्फ इसलिए चप्पलों से पीटा जा रहा है क्योंकि उन्होंने ‘राम’ का नाम लेने से इनकार कर दिया। भाजपा ने इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और ‘अपमानजनक शब्दों’ के लिए माफी की मांग की।   
 
इल्तिजा ने ‘एक्स’ पर उस घटना का वीडियो पोस्ट किया जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच पर लिखा, यह सब देखकर भगवान राम भी बेबसी और शर्म से सिर झुका लेंगे कि नाबालिग मुस्लिम लड़कों को सिर्फ इसलिए चप्पलों से पीटा जा रहा है क्योंकि उन्होंने ‘राम’ का नाम लेने से इनकार कर दिया। हिंदुत्व एक बीमारी है, जिसने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया है और भगवान के नाम को कलंकित किया है।
बाद में जम्मू में एक समारोह से इतर बातचीत में इल्तिजा ने अपनी टिप्पणी का बचाव किया और भाजपा पर देश में ऐसी स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। इल्तिजा ने कहा, हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बहुत अंतर है। हिंदुत्व नफरत का दर्शन है जिसे सावरकर (विनायक दामोदर) ने 1940 के दशक में भारत में फैलाया था जिसका उद्देश्य हिंदुओं का आधिपत्य स्थापित करना था और दर्शन यह था कि भारत हिंदुओं का है और हिंदुओं के लिए है।
 
उन्होंने कहा, इस्लाम की तरह हिंदू धर्म भी एक ऐसा धर्म है जो धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देता है। इसलिए हमें जानबूझकर इसे विकृत नहीं करना चाहिए। मैंने जो भी कहा, वह खुलेआम कहा। मैंने हिंदुत्व की आलोचना की है और मैं अपने बयान पर कायम हूं। हिंदुत्व एक बीमारी है और हमें इसका इलाज करना होगा। उन्होंने कहा कि ‘जय श्री राम’ का नारा अब ‘रामराज्य’ के बारे में नहीं रह गया है और इसका इस्तेमाल ‘मॉब लिंचिंग’ के दौरान किया जाता है।
 
बाद में एक अन्य पोस्ट में इल्तिजा ने कहा, मेरी पोस्ट और इस्लाम के बारे में की गई टिप्पणियों पर बहुत आक्रोश है। इस्लाम के नाम पर की गई निरर्थक हिंसा ही सबसे पहले ‘इस्लामोफोबिया’ का कारण बनी। आज हिंदू धर्म (हिंदुत्व नहीं) भी खुद को ऐसी ही स्थिति में पाता है जहां इसका इस्तेमाल और दुरुपयोग अल्पसंख्यकों को मारने और उन पर अत्याचार करने के लिए किया जा रहा है।
जम्मू में रोहिंग्याओं की झुग्गियों में पानी और बिजली की आपूर्ति में कटौती के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कृत्य भाजपा की नफरत का प्रतीक है क्योंकि वह मुसलमानों को दंडित करना और उन पर अत्याचार करना चाहती है, चाहे वे भारतीय हों या रोहिंग्या।
 
उन्होंने कहा, भारत सभी का है, चाहे आप मुसलमान हों या हिंदू। वे रोहिंग्या के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन उन्हें जगती में कश्मीरी प्रवासी पंडितों की बस्ती की स्थिति के बारे में नहीं पता। मैंने जगती बस्ती का दौरा किया और दीवारों की हालत देखी, जो जर्जर हैं। पानी नहीं है और वे (पंडित) बुरी स्थिति में रह रहे हैं। भाजपा ने सभी की हालत दयनीय बना दी है।
 
उन्होंने पिछले महीने संभल में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा, हमारे देश में कानून को गुंडों द्वारा कैसे हाईजैक किया जा रहा है? कैसे लिंचिंग हो रही है, मुसलमानों के खिलाफ अपराध बढ़ गए हैं... हम वहां हुई हिंसा की निंदा करते हैं। इस बीच भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा, राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा, उन्होंने एक फर्जी वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी पोस्ट में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है, जो मुसलमानों और हिंदुओं के बीच दरार पैदा करने की साजिश का हिस्सा है। उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए क्योंकि ये शब्द बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं।
 
रोहिंग्याओं के लिए जलापूर्ति बहाल करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार के कदम पर उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के लिए अपने देश लौटने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, म्यांमार में स्थिति में सुधार हुआ है और श्रीलंका तथा बांग्लादेश में रहने वाले रोहिंग्या अपने मूल देश लौटने लगे हैं। अब समय आ गया है कि जम्मू में रहने वाले लोग सम्मान के साथ अपने देश वापस लौटें। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कौन हैं संत सियाराम बाबा, जिनके निधन की उड़ी अफवाह, कैसा है उनका स्वास्थ्य