chilling cold : कश्मीर वादी (Kashmir Valley) के साथ-साथ लद्दाख (Ladakh) भी हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के भयानक दौर से गुजरने को मजबूर है जबकि कश्मीर में सर्दी का भयानक मौसम चिल्लेकलां 21 दिसंबर को आरंभ होना है। कश्मीर में भीषण ठंड (chilling cold) का प्रकोप जारी है और तापमान में भारी गिरावट के कारण दिन की शुरुआत में ही ठंडक छा गई है। गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट (ski resort) में सबसे कम तापमान -9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बाद शोपियां (-7.5 डिग्री सेल्सियस) और सोनमर्ग (-7.0 डिग्री सेल्सियस) में भी ठंड का प्रकोप जारी है।
कुपवाड़ा (-4.4 डिग्री सेल्सियस), कुलगाम (-5.1 डिग्री सेल्सियस) और बांदीपोरा (-4.1 डिग्री सेल्सियस) जैसे अन्य क्षेत्रों में भी शून्य से नीचे तापमान दर्ज किया गया। उल्लेखनीय रूप से लार्नू में -7.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो कश्मीर में व्यापक ठंड को दर्शाता है।
जम्मू के मौसम में काफी बदलाव देखने को मिला : हालांकि जम्मू के मौसम में काफी बदलाव देखने को मिला, मैदानी इलाकों में थोड़ी राहत मिली जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड का असर रहा। कश्मीर के शोपियां के बराबर -7.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ पैडर इस क्षेत्र में सबसे ठंडा रहा। बनिहाल (-3.1 डिग्री सेल्सियस) और भद्रवाह (-1.2 डिग्री सेल्सियस) जैसे अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फीले तापमान का सामना करना पड़ा।
इसके विपरीत मैदानी इलाकों में तुलनात्मक रूप से हल्की ठंड रही, जम्मू (6.5 डिग्री सेल्सियस) और कठुआ (7.0 डिग्री सेल्सियस) में तापमान शून्य से ऊपर दर्ज किया गया। हालांकि सांबा (2.3 डिग्री सेल्सियस) और उधमपुर (1.6 डिग्री सेल्सियस) जैसे स्थानों पर अभी भी सर्दी का असर महसूस किया जा रहा है जबकि रामबन 9.2 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म स्थान रहा।
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लद्दाख में ठंड का कहर सबसे ज्यादा रहा : मिलने वाले समाचारों के अनुसार लद्दाख में ठंड का कहर सबसे ज्यादा रहा, जहां लेह में -12.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो सभी क्षेत्रों में सबसे ठंडा स्थान रहा। यह अत्यधिक कम तापमान कठोर सर्दियों की स्थिति को दर्शाता है, जहां इस मौसम में ठंड का तापमान जीवन पर हावी हो जाता है। इस बीच गुलमर्ग के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने आगामी बर्फीले महीनों के दौरान गुलमर्ग-तंगमर्ग सड़क पर सुचारु और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सर्दियों में यात्रा संबंधी सलाह जारी की है।
सलाह में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि फिसलनभरी परिस्थितियां और भारी बर्फबारी अक्सर यातायात संबंधी समस्याओं और दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। इन चिंताओं को दूर करने के लिए विशिष्ट उपाय लागू किए जाएंगे। वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है। कहा गया है कि बर्फ के साफ होने तक केवल 4×4 वाहन और एंटी-स्किड चेन लगे वाहनों को ही तंगमर्ग और गुलमर्ग के बीच यात्रा करने की अनुमति होगी।
हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) पर सीमा : कम ब्रेकडाउन और ट्रैफिक जाम सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम 10 लोगों की बैठने की क्षमता वाले केवल हल्के मोटर वाहनों को ही अनुमति दी गई है। एंटी-स्किड चेन नीति भी लागू की गई है। अधिकारियों द्वारा अधिकृत विक्रेताओं को वाहनों पर एंटी-स्किड चेन लगाने की अनुमति है जिसकी लागत 600 रुपए प्रति जोड़ी तय की गई है। इन विक्रेताओं को भीड़भाड़ को कम करने के लिए निर्दिष्ट पार्किंग क्षेत्रों में काम करना चाहिए।
इसके अलावा टूर ऑपरेटरों और निजी कार मालिकों को सड़क किनारे यातायात की समस्याओं को रोकने के लिए तंगमर्ग में केवल निर्दिष्ट क्षेत्रों में ही पार्क करना चाहिए। इसी तरह कोट और बूट विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी गतिविधियों से सड़कों को बाधित न करें ताकि आवागमन को आसान बनाया जा सके। एसडीएम ने यात्रियों और पर्यटकों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी से इन दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है।
Edited by: Ravindra Gupta