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कौन हैं संत सियाराम बाबा, जिनके निधन की उड़ी अफवाह, कैसा है उनका स्वास्थ्य

हमें फॉलो करें कौन हैं संत सियाराम बाबा, जिनके निधन की उड़ी अफवाह, कैसा है उनका स्वास्थ्य

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

खरगोन , सोमवार, 9 दिसंबर 2024 (20:47 IST)
siyaram baba : मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के कसरावद क्षेत्र में निमाड़ के प्रसिद्ध संत सिया राम बाबा का स्वास्थ्य स्थिर है। जिला प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। जिला प्रशासन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर सूचित किया है कि संत श्री सियाराम बाबा का स्वास्थ्य ठीक है और नर्मदा तट के भट्टयान स्थित आश्रम में चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। उन्होंने अपील भी है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।
 
आश्रम के सेवादार योगेंद्र भाई ने बताया कि 94 वर्षीय संत श्री अस्वस्थ होने के चलते फिलहाल खान-पान अवश्य कमजोर है, लेकिन उनका स्वास्थ्य फिलहाल स्थिर है। कसरावद के शासकीय अस्पताल की टीम उन्हें लगातार मॉनिटर कर रही है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जिला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा प्रतिदिन वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकों और आश्रम के सेवादारों से संतश्री के स्वास्थ्य संबंधी अपडेट ले रहे हैं।  उन्होंने बताया कि कल इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और खंडवा के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी संत श्री के दर्शन किए। पुष्यमित्र भार्गव ने भी अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
 
भार्गव ने कहा कि निमाड़ के प्रसिद्ध संत हनुमान भक्त सियाराम बाबा ने 11 साल एक पांव पर खड़े रहकर तपस्या की है। उन्होंने कहा कि उनका स्वास्थ्य खराब जरूर है, लेकिन अफवाहों पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि वह अति शीघ्र पूर्ण स्वस्थ हो जाए।
 
आज पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा कांग्रेस नेता अरुण यादव ने भी आज संत सियाराम बाबा के दर्शन कर अपील की है कि बाबा श्री के बारे में झूठी एवं भ्रामक खबरें सोशल मीडिया पर प्रसारित न करें। उन्होंने कहा कि बाबा के स्वास्थ्य में लगातार सुधार है। उन्होंने चिकित्सकों से भी चर्चा की।
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खरगोन के सीएमएचओ डॉक्टर एमएस सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद आश्रम में ही टर्शियरी लेवल की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। मेडिकल कॉलेज इंदौर की टीम ने बाबा के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद जो सलाह दी गई है उसी के मुताबिक उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाबा का स्वास्थ्य सुधार पर है और वे फिलहाल लिक्विड ले रहे हैं। 
 
क्षेत्रीय विधायक सचिन यादव ने भी ट्वीट कर लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। सियाराम बाबा को कुछ दिन पहले निमोनिया की शिकायत के बाद सनावद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था और वह अपने आश्रम वापस आ गए थे।
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संत सियाराम बाबा का आश्रम मध्यप्रदेश में खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर भट्यान गांव में नर्मदा किनारे स्थित है। गांव के लोग बाबा से जुड़ी कई चमत्कारिक घटनाएं बताते हैं। बाबा के दर्शनों के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु नर्मदा किनारे स्थित इस गांव में आते हैं। उनके नाम से ही गांव प्रसिद्ध हो चुका है। सियाराम बाबा की जर्जर हो चुकी काया देखकर उनकी उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। लोग देश-विदेश से इनके दर्शनों के लिए आते हैं। 
 
कड़ाके की ठंड में सिर्फ एक लंगोट : संत बाबा के तन पर कपड़े के नाम पर केवल एक लंगोट होती है। कड़ाके की ठंड हो, बरसात हो या फिर भीषण गर्मी, बाबा लंगोट के अतिरिक्त कुछ धारण नहीं करते। ग्रामीण बताते हैं कि आज तक उन्होंने बाबा को कभी पूर्ण वस्त्रों में नहीं देखा है। श्रद्धालु बताते हैं कि बाबा 10 सालों तक खड़े होकर तप किया था। 
   
हनुमानजी के भक्त : बाबा के बारे में किसी को अधिक जानकारी नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक बाबा हनुमानजी के भक्त हैं। नर्मदा किनारे ही हनुमानजी का एक छोटा-सा मंदिर है, लेकिन किसी विवाद के चलते मंदिर को दीवार से पूरा ढंक दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर पर दीवार होने के बाद कान लगाने पर भी घंटी की आवाज आती है। ग्रामीण बताते हैं कि बाबा वर्षों पूर्व महाराष्ट्र से नर्मदा किनारे आए थे। 
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10 रुपए का चढ़ावा : आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं से बाबा सिर्फ 10 रुपए का दान लेते हैं। अगर कोई ज्यादा रुपए चढ़ाता है तो सेवादार 10 रुपए लेकर बाकी रुपए लौटा देते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक बाबा मंदिरों और धर्मशालाओं के लिए करोड़ों रुपए का दान कर चुके हैं। 
 
बिना माचिस दीपक जलाने की अफवाह : आज से करीब 2 वर्ष पहले बाबा को लेकर यह अफवाह भी सामने आई थी कि वे बिना माचिस के दीपक जलाते हैं, लेकिन इसकी सचाई जानने पर ग्रामीणों ने बताया कि बाबा ने पहले से जल रही व झुकी बत्ती को केवल सीधा किया था। लोगों ने इसे एक चमत्कार के रूप में फैला दिया। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma

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