भोपाल। विजयपुर उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों सुर्खियों में है। सिंधिया पर जहां कांग्रेस निशाना साध रही है वहीं दूसरी ओऱ भाजपा के अंदरखाने भी विजयपुर में भाजपा की हार के लिए सिंधिया को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस बीच भाजपा संगठन ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और विजयपुर चुनाव को लेकर भाजपा नेताओं के बयान पर रोक लगा दी है।
सिंधिया के लिए भाजपा की सेंसरशिप-भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने विजयपुर में भाजपा की हार के बाद निशाने पर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कांग्रेस के हमलावर होने और खुद भाजपा नेताओं की ओऱ से दिए से जा रहे बयान पर रोक लगा दी है। वीडी शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सम्मानित केंद्रीय मंत्री हैं। जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी तक सिंधिया परिवार का पारिवारिक नाता है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया जनसंघ की संस्थापक रही थीं। जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी तक सिंधिया परिवार का वर्षों पुराना पारिवारिक नाता रहा है। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश में भाजपा की विकासवादी व राष्ट्रवादी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कांग्रेस पार्टी कमलनाथ की सरकार गिरने के सदमे से अब तक उबर नहीं पाई है, इसलिए अपने नाकारा नेतृत्व को छिपाने के लिए इस तरह के निराधार व असत्य विषयों को प्रश्रय देकर भ्रम फैलाने का कार्य करती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के विषय में कांग्रेस निराधार एवं भ्रामक खबरें प्रायोजित कर रही है। मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते प्रदेश नेतृत्व व पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट सूचित करना चाहता हूं कि इस तरह के आधारहीन, तथ्यहीन व भ्रामक विषयों पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व टिप्पणी न करें। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव भाजपा कार्यकर्ताओं ने सामूहिक नेतृत्व के आधार पर पूरी मजबूती के साथ लड़ा था।
क्या हैं सिंधिया और विजयपुर उपचुनाव का पूरा विवाद?- विजयपुर उपचुनाव से सिंधिया की दूरी बनाना और उनका चुनाव प्रचार नहीं करना भाजपा की हार की बड़ी वजह बताया जा रहा है। इस सवाल को जब मीडिया ने सिंधिया से पूछा तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बुलाया ही नहीं गया था ग्वालियर में सिंधिया से जब मीडिया ने सवाल किया कि लोग कह रहे है कि महाराज के नहीं जाने से विजयपुर में भाजपा की हार हुई है, तो इस पर सिंधिया ने कहा कि “इस पर हमें चिंतन करना होगा, जरुर चिंता की बात है और अगर मुझे कहा जाता तो मैं जरूर जाता”।
कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान से यह सवाल उठने लगा था कि क्या सिंधिया को वकाई में उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं बुलाया गया। इस पर प्रदेश भाजपा के महामंत्री और विधायक भगवान दास सबनानी ने कहा कि विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने विजयपुर विधानसभा उपचुनाव प्रचार के लिए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने केन्द्रीय मंत्री सिंधिया से आग्रह किया था कि वे विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए समय दें, लेकिन केन्द्रीय मंत्री सिंधिया की अन्यत्र व्यस्तता होने के कारण वे विजयपुर में समय नहीं दे पाए। ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने विजयपुर के चुनाव प्रचार में उन्हें नहीं बुलाया था।
सिंधिया के बयान पर जिस तरह से भाजपा संगठन की तरफ से पलटवार किया गया उससे कांग्रेस को सिंधिया पर अक्रामक होने का मौका मिल गया था। कांग्रेस के लगातार हमलावर होने और बयानों के बाद अब भाजपा सिंधिया को लेकर बैकफुट पर है और उसने ज्योतिरादित्य सिंधिया का बचाव करते हुए अब बयानों के लिए सेंसरशिप लगा दी है।