जम्मू। कश्मीर में भयानक सर्दी का आलम यह है कि अन्य पानी के स्रोत्र तो जमने ही लगे हैं डल झील भी इससे अछूती नहीं है। यही कारण था कि जैसे जैसे सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे विश्व प्रसिद्ध डल झील की ऊपरी सतह भी जमती जा रही है। इतना जरूर है कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए यह नजारा बेहद ही दिलकश है जिन्होंने पहली बार इस झील को जमते हुए देखा है।
चिल्लेकलां के दौरान डल झील का जमना कोई नई बात नहीं है। चिल्लेकलां 21 और 22 दिसम्बर की रात को आरंभ होता है और यह 40 दिनों तक चलता है।
जानकारी के लिए वर्ष 1960 में गुलाम मुहम्मद बख्शी के मुख्यमंत्रित्वकाल में डल झील पूरी तरह जम गई थी। उस दौरान बख्शी ने डल पर जीप चलाने का मजा लिया था। उस समय न्यूनतम तापमान शून्य से 12 डिग्री नीचे तक गिर गया था।
1986 में भी डल झील पूरी तरह जम गई थी। तब निवर्तमान मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने यहां पर मोटर साइकिल चलाई थी। इसी साल स्थानीय युवकों ने जमे हुए डल पर एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया था। पहले चिल्लेकलां के दिनों में अक्सर डल का पानी जम जाता है। इस साल के शुरू में भी डल झील पूरी तरह जम गई थी।
वर्ष 2005 के दिसंबर में भी चिल्लेकलां के दौरान डल का पानी जम गया था। जो कि करीब एक महीने तक जमा रहा था।
मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही रहा तो रात का तापमान और भी गिर सकता है। इससे डल का पानी और भी जम जाएगा क्योंकि दिन साफ रहने के कारण रात सर्द हो जाती है।