Krishna Janmashtami Puja Mathura : कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व गृहस्थ एवं स्मार्तजन 18 अगस्त को मनाएंगे और वैष्णव एवं संन्यासी लोग 19 अगस्त को मनाएंगे। अधिकतर लोग 18 अगस्त को रात्रि में कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। आओ जानते हैं दोनों ही दिनों के पूजा के शुभ मुहूर्त।
अष्टमी तिथि (Ashtami Muhurta) : अष्टमी तिथि रात्रि 9 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगी जो अगले दिन 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। स्थानीय समयानुसार तिथि के समय में थोड़ी बहुत घट-बढ़ है। 18 अगस्त को भरणी नक्षत्र रहेगा, जबकि श्रीकृष्ण का जन्म रोहणी नक्षत्र में हुआ था।
18 अगस्त शुभ मुहूर्त- August 18 Shubh Muhurta And Choghadiya :
- अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:05 से 12:56 तक।
- अमृत काल : शाम 06:28 से रात्रि 08:10 तक।
- शुभ योग : 18 अगस्त को रात्रि 08:41 तक वृद्धि योग उसके बाद ध्रुव योग रहेगा जो अगले दिन रात्रि 08:59 रहेगा। 18 अगस्त को रात्रि 11:35 तक पद्म योग भी रहेगा।
- शुभ समय : सुबह 06 से 07:30 तक, दोपहर 12:20 से 03:30, शाम 05:00 से 06:30 तक।
दिन का चौघड़िया :
लाभ : दोपहर 12:29 से 02:05 तक
अमृत : दोपहर 02:05 से 03:40 तक।
रात्रि का चौघड़िया :
अमृत : शाम 06:51 से रात्रि 08:16 तक।
चर : रात्रि 08:16 से रात्रि 09:40 तक।
लाभ : रात्रि 12:29 से 01:54 तक।
19 अगस्त शुभ मुहूर्त- August 19 Shubh Muhurta And Choghadiya :
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:05 से 12:56 तक
अमृत काल : रात्रि 11:15 से रात्रि 01:01 तक।
योग : ध्रुव योग रात्रि 08:41 तक, उसके बाद व्याघात योग। ध्रुव योग के साथ ही महालक्ष्मी, बुधादित्य, छत्र, कुलदीपक, भारती, हर्ष और सत्कीर्ति योग भी है।
दिन का चौघड़िया :
लाभ : सुबह 07:43 से 09:18 तक।
अमृत वार वेला : सुबह 09:18 से 10:54 तक।
शुभ : दोपहर 12:29 से 02:04 तक।
रात का चौघड़िया :
लाभ : काल रात्रि 09:40 से रात्रि 11:04 तक।
शुभ : रात्रि 12:29 से 01:54 तक।
अमृत : रात्रि 01:54 से 03:18 तक।
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