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जन्माष्टमी : श्रीकृष्‍ण पूजन के चमत्कारिक 5 मंत्र

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Lord Krishna Mantra

30 अगस्त, सोमवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व धार्मिक दृष्टि से बहुत ही खास माना गया है। दुनियाभर में कृष्ण जी के भक्तों की संख्या अनगिनत हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, श्री कृष्ण भगवान विष्णु जी के आठवें अवतार माने जाने हैं। 
 
जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी का पूजन करते समय चमत्कारिक मंत्रों का जाप करना बहुत अधिक लाभदायी होता है। यह दिन सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायता करता है। इस दिन भगवान कृष्ण जी के कुछ खास मंत्रों का जाप पूरे मन से अवश्य करना चाहिए। 
 
पढ़ें भगवान श्री कृष्ण के 5 सबसे खास चमत्कारिक मंत्र- 
 
1. यह श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। जो व्यक्ति इस मंत्र को सिद्ध कर लेता है उसे करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता। इस मंत्र का 5 लाख जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। जन्माष्टमी पर पूजन के बाद और मंत्र जप के समय हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। 
 
मंत्र- 'ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा'
 
2. यह 7 अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है। इस मंत्र का करने वाले संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मंत्र के सवा लाख जाप पूर्ण होते ही आर्थिक स्थिति में आश्चर्यजनक रूप से सुधार होने लगता है, जिसे भी धन की कामना हो उन्हें इस मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए। 
 
मंत्र- 'गोवल्लभाय स्वाहा'
 
 
3. 23 अक्षरों वाला यह चमत्कारिक कृष्ण मंत्र है। जो भी व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है, उसके धन प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं और सभी बाधाएं दूर होकर पैसा खुद चलकर आने लगता है।
 
मंत्र- 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री'
 
4. यह भगवान श्री कृष्ण का मूलमंत्र है। प्रत्येक मनुष्य को प्रातः स्नान के पश्चात 108 बार जाप करना चाहिए। यह सभी बाधाओं, कष्टों से मुक्ति देने वाला तुरंत फलदायी मंत्र है। 
 
मंत्र- 'कृं कृष्णाय नमः'
 
5. इस 8 अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करने वाले भक्त की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। 
 
मंत्र- 'गोकुल नाथाय नमः' 
 
जन्माष्टमी के दिन पूजन के समय उपरोक्त मंत्रों का अधिक से अधिक मात्रा में जाप अवश्य करें। अगर समय की कमी के चलते आप ज्यादा कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम 108 बार कृष्ण मंत्र का जाप अवश्य करें। 


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