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हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका जनिए

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, मंगलवार, 10 मई 2022 (03:08 IST)
कई लोग हनुमान चालीसा नियमित पढ़ते हैं और कई लोग मंगलवार या शनिवार को ही हनुमान चालीसा पढ़ते हैं। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका क्या है। आओ जानते हैं कि किस तरह पढ़ना चाहिए हनुमान चालीसा की हमें मिले उत्तम फल।
 
 
हनुमान चालीसा पाठ के नियम (Rules of Hanuman Chalisa Paath):
 
1. आह्‍वान : हनुमान चालीसा का पाठ करने के पहले कई लोग उनका और श्रीरामजी का आह्‍वान करके पाठ नहीं करते हैं।
 
2. समय : हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए समय निर्धारित करना चाहिए। कई लोग जब उनका मन करता है तब उसका पाठ करते हैं और जब मन करता है तब नहीं। यह गलती कई लोग करते हैं।
 
3. स्थान : हनुमान चालीसा एक पवित्र जगह पर बैठकर ही करना चाहिए। खासकर या तो आपके घर के पूजास्थल पर, मंदिर में, तीर्थ क्षेत्र में या पहले से नियुक्त साफ सफाई करके पवित्र की गई जगह पर। हर कहीं या सड़क पर इसका पाठ नहीं होता।
 
4. भक्त बनें : कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ तब करते हैं जबकि उनके उपर कोई संकट आता है। कहते हैं कि दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करें तो दु:ख काहे को होऊ।
 
5. दोहे : कई लोग पाठ तो करते हैं लेकिन उसके दोहे नहीं पढ़ते हैं जो हनुमान चालीसा का ही अंग है। 
 
6. अर्पण : हनुमान चालीसा का पाठ करने के पहले उनके चित्र या मूर्ति को पवित्र जल से पवित्र करके उन्हें तुलसी की माला या जनेऊ पहनाकर भक्ति भाव से उनकी पसंद का भोग अर्पण करके कई लोग हनुमान चालीसा नहीं पढ़ते हैं।
 
7. मध्यम स्वर : कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ ऊंचे स्वर में अशुद्ध उच्चारण के साथ करते हैं या एकदम नीचे स्वर में इसका पाठ करते हैं। यह गलती सभी करते हैं।
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8. चालीसा दिन तक पाठ : 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। सौ बार नहीं कर सको तो 11 बार करो। 11 बार न हो तो 9 बार करो। 9 बार नहीं कर सको तो 7 बार करो। 7 बार न कर सको तो 5 बार करो और 5 बार न कर सको तो 3 बार करो और 3 बार भी नहीं कर सकते हो तो 1 बार प्रतिदिन करो चालीसा और कम से कम 40 दिन तक करने के बाद उन्हें लंगोट जरूर भेंट करें।
 
9. पवित्रता : हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य, पवित्रता, शुद्धता, साफ सफाई का ध्यान कई लोग नहीं रखते हैं। महिलाएं यदि हनुमान चालीसा का पाठ कर रही हैं तो उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे उन्हें टच न करें। कई लोग यह गलती करते हैं।
 
10. खुद के नाम का उच्चारण : यह भी मान्यता है कि जहां पर लिखा है कि 'तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।' यहां तुलसीदास की जगह आपको आपके नाम का उच्चारण करना चाहिए। कई लोग यह गलती करते हैं इसीलिए उन्हें लाभ प्राप्त नहीं होता है।
 
11. दीपक : हनुमान चालीसा के पाठ के पहले दीप प्रज्वलित जरूर करना चाहिए। दीपक में जो बाती लगाई जा रही है वह भी लाल सूत (धागे) की होनी चाहिए। किसी भी स्थल पर पूजा करने के पूर्व दीप जरूर प्रज्वलित करें। हनुमान पूजा के दौरान जो दीपक जला रहे हों उसमें चमेली का तेल या शुद्ध घी होना चाहिए।
  
12. वस्त्र : हनुमानजी चालीका पाठ के दौरान सिर्फ एक वस्त्र पहनकर ही चालीसा का पाठ करें या उनकी पूजा करें।
 
13. आसन : हनुमान मूर्ति या चित्र को लकड़ी के पाठ पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें और खुद कुश के आसन पर बैठकर ही चालीसा का पाठ करें या पूजा करें।
 
14. पाठ आवृत्ति : 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। सौ बार नहीं कर सको तो 11 बार करो। 11 बार न हो तो 9 बार करो। 9 बार नहीं कर सको तो 7 बार करो। 7 बार न कर सको तो 5 बार करो और 5 बार न कर सको तो 3 बार करो और 3 बार भी नहीं कर सकते हो तो 1 बार प्रतिदिन करो। 
 
हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आपको हनुमान जी की कृपा जरूर प्राप्त होती है।

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