Hanuman Bhog: चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। हनुमानजी के यूं तो कई प्रिय भोग है लेकिन ये पांच भोग उन्हें लगाने से जल्द ही उनकी कृपा प्राप्त होगी। उनकी कृपा से सभी तरह के संकट मिट जाएंगे और व्यक्ति सुखी जीवन व्यतीत करेगा।
1. रोट या रोठ : ऐसी मान्यता है कि अगर हनुमानजी को मंगलवार या उनके जन्मोत्सव के दिन रोट या मीठा रोटी का भोग लगाया जाता है तो मनवांछित फल मिलता है। गेहूं के आटे में गुड़, इलायची, नारियल का बूरा, घी, दूध आदि मिलाकर रोट बनाया जाता है। कुछ जगह इसे सेंककर रोटी जैसा बनाकर भोग लगाते हैं और कुछ जगह इसे पूरियों की तरह तलकर इसका भोग लगाते हैं। यह रोट हनुमानजी को बहुत प्रिय है।
2. इमरती : इमरती का भोग लगाने से संकटमोचन अत्यंत प्रसन्न होते हैं। आपकी जो भी मनोकामनाएं हैं, वे पूर्ण हो जाएंगी। बस, मंगलवार के दिन हनुमानजी को इमरती चढ़ा आएं।
3. लड्डू : हनुमानजी को 3 तरह के लड्डू पसंद हैं- एक केसरिया बूंदी लड्डू, दूसरा बेसन के लड्डू और तीसरा मलाई-मिश्री के लड्डू। इसमें बेसन के लड्डू उन्हें खास पसंद हैं। लड्डू चढ़ाने से हनुमानजी भक्तों को दे देते हैं मनचाहा वरदान और उसकी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। लड्डू चढ़ाने से पापी ग्रह भी काबू में रहते हैं।
4. गुड़-चने का प्रसाद : हनुमानजी को गुड़ और चने का प्रसाद तो अक्सर चढ़ाया ही जाता है। यह मंगल का उपाय भी है। इससे मंगल दोष मिटता है। यदि आप कुछ भी चढ़ाने की क्षमता नहीं रखते या किसी और कारण से चढ़ा नहीं पाते हैं तो सिर्फ गुड़ और चना ही चढ़ाकर हनुमानजी को प्रसन्न कर सकते हैं। हर मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं। इससे आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। हालांकि आजकल गुड़ की जगह चिरौंजी ज्यादा मिलती है लेकिन चने के साथ गुड़ का ही संयोग होता है।
5. पान का बीड़ा : आपने सुनी होगी एक प्रचलित लोकोक्ति 'बीड़ा उठाना'। इसका अर्थ होता है- कोई महत्वपूर्ण या जोखिमभरा काम करने का उत्तरदायित्व अपने ऊपर लेना। यदि आपके जीवन में कोई घोर संकट है या ऐसा काम है जिसे करना आपके बस का नहीं है, तो आप अपनी जिम्मेदारी हनुमानजी को सौंप दें। इसके लिए आप मंगलवार के दिन किसी मंदिर में पूजा-पाठ करने के बाद उन्हें पान का बीड़ा अर्पित करें। रसीला बनारसी पान चढ़ाकर मांग लीजिए मनचाहा वरदान।
इसके अलावा लौंग, इलायची और सुपारी, नारियल, केसर-भात और पंच मेवा भी अर्पित कर सकते हैं।