Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हनुमानजी के ये 5 रहस्य नहीं जानते होंगे आप, चौंक जाएंगे

हमें फॉलो करें secret of hanuman life story
, गुरुवार, 14 अप्रैल 2022 (12:19 IST)
secret of hanuman life story
Hanuman jayanti janmotsav 2022: यह बात तो सभी जानते हैं कि हनुमानजी आज भी धरती पर मौजूद हैं और गंधमादन पर्वत पर रहते हैं जो कि हिमालय में स्थित है। वे एक कल्प तक शारीर में ही रहेंगे। आओ जानते हैं उनके ऐसे 5 रहस्य जो आप नहीं जानते होंगे।
 
 
1. हनुमानजी की जाति : एक शोध अनुसार आज से 9 लाख वर्ष पूर्व धरती पर एक ऐसी विलक्षण वानर जाति विद्यमान थी, जो आज से 15 से 12 हजार वर्ष पूर्व लुप्त हो गई। इस जाति का नाम कपि था। हनुमानजी कपि नामक वानर जाति से थे। वानर का शाब्दिक अर्थ होता है 'वन में रहने वाला नर।' लेकिन मानव से अलग। क्योंकि वन में ऐसे भी नर रहते थे जिनको पूछ निकली हुई थी। हनुमानजी जब मानव नहीं थे तो फिर वे मानवों की किसी भी जाति से संबंध नहीं रखते हैं।
 
2. हनुमानजी के 5 सगे भाई : ब्रह्मांडपुराण में वानरों की वंशावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसी में हनुमानजी के सगे भाइयों के बारे में जिक्र मिलता है। अपने 5 भाइयों के बीच हनुमानजी सबसे बड़े थे। उनके अन्य भाइयों के नाम हैं- मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान। महाभारत काल में कुंती पुत्र भीम को भी हनुमानजी का ही भाई कहा गया है।
webdunia
ram charit manas
3. हनुमानजी ने लिखी थी पहली रामायण : दक्षिण भारत की लोकमान्यता के अनुसार सर्वप्रथम रामकथा हनुमानजी ने लिखी थी और वह भी एक चट्टान पर अपने नाखूनों से लिखी थी। यह रामकथा वाल्मीकिजी की रामायण से भी पहले लिखी गई थी और यह 'हनुमद रामायण' के नाम से प्रसिद्ध है। इसे दक्षिण भारत में 'हनुमन्नाटक' कहते हैं। उन्होंने इसे लिखकर समुद्र में फेंक दिया था। बाद में तुलसीदासजी को यह मिली थी।
 
4. हनुमानजी का वाहन : सभी देवी और देवताओं के वाहन होते हैं लेकिन हनुमानजी का वाहन अदृश्य माना गया है। 'हनुमत्सहस्त्रनामस्तोत्र' के 72वें श्‍लोक में उन्हें 'वायुवाहन:' कहा गया। मतलब यह कि उनका वाहन वायु है। वे वायु पर सवार होकर अति प्रबल वेग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर गमन करते हैं। प्रचलित मान्यता और जनश्रुति के अनुसार यह कहा जाता है हनुमानजी भूतों की सवारी भी करते हैं।
 
5. हनुमानजी के 4 गुरु : कहते हैं कि हनुमानजी के 4 गुरु थे जिनसे उन्होंने शिक्षा और विद्या हासिल की थी। पहले सूर्यदेव, दूसरे नारद तीसरे पवनदेव और चौथे मतंग ऋषि।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महावीर जयंती की शुभकामनाएं : 'जियो और जीने दो' का महान संदेश देने वाले 24वें तीर्थंकर की जयंती