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हनुमान जयंती 2025: हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ पढ़ने का सही तरीका जानिए

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 10 अप्रैल 2025 (13:23 IST)
Hanuman Jayanti 2025: चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार 12 अप्रैल को हनुमान जयंती रहेगी। हनुमान जयंती पर यदि आप हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो इसे पढ़ने का सही तरीका जरूर जान लें क्योंकि स‍ही विधि से पढ़ने से इसका लाभ दोगुना मिलेगा। रामदूत हनुमान को प्रसन्न करने के लिए नियमों का पालन करें।
 
हनुमान चालीसा पाठ के नियम (Rules of Hanuman Chalisa Paath):
1. आह्‍वान : हनुमान चालीसा का पाठ करने के पहले उनका और श्रीरामजी का आह्‍वान करें।
2. समय : हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए समय निर्धारित करना चाहिए।
3. स्थान : हनुमान चालीसा एक पवित्र जगह पर बैठकर ही करना चाहिए।
4. भक्त बनें : कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ तब करते हैं जबकि कोई संकट आता है। इसलिए भक्त बनकर पाठ करें। 
5. दोहे : कई लोग पाठ तो करते हैं लेकिन उसके दोहे नहीं पढ़ते हैं जो हनुमान चालीसा का ही अंग है। 
6. अर्पण : पाठ करने के पहले उनके चित्र या मूर्ति को जल से पवित्र करके उन्हें तुलसी माला या जनेऊ पहनाएं। भोग अर्पण करें।
7. मध्यम स्वर : पाठ ऊंचे या एकदम नीचे स्वर में अशुद्ध उच्चारण के साथ न करें। मध्यम स्वर में पाठ करें।
8. पवित्रता : हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य, पवित्रता, शुद्धता, साफ सफाई का ध्यान रखें। 
9. महिलाओं के लिए नियम: महिलाएं पाठ करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे मूर्ति को टच न करें।
10. दीपक : पाठ के पहले दीप प्रज्वलित करें। दीपक में लाल सूत (धागे) की बाती और चमेली का तेल या गाय का घी होना चाहिए।
11. वस्त्र : पाठ के दौरान सिर्फ एक वस्त्र पहनकर ही हनुमान चालीसा का पाठ करें।
12. आसन : हनुमान मूर्ति या चित्र को लकड़ी के पाठ पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें और खुद कुश के आसन पर बैठें।
13. खुद के नाम का उच्चारण : 'तुलसीदास सदा हरि चेरा।' की जगह खुद के नाम का उच्चारण करना चाहिए। 
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सुंदरकांड पाठ के नियम (Rules for reading Sunderkand):
1. सुंदरकांड का पाठ करने के पहले हनुमानजी और रामजी को आसन दें, दीप प्रज्वलित करें, आवाहन करें, फूल माला पहनाएं, भोग लगाएं और फिर खुद कुश के आसन पर बैठकर पाठ करें। 
 
2. हनुमान जयंती पर सुंदरकांड का पाठ एक बार में ही करें, रुक रुककर या अंतराल लेकर पाठ न करें। 
 
3. सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थान को भी पवित्र बनाएं। 
 
4. हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठकर पाठ करें। हनुमान जी की प्रतिमा ऐसी होनी चाहिए जिसमें श्री राम, सीता, और लक्ष्मण की तस्वीर हो।
 
5. सुंदरकांड का पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें। ध्यान इधर उधर न भटकाएं।
 
6. सबसे ज़रूरी नियम है श्रद्धा। सुंदरकांड का पाठ भक्ति भाव से किया जाए, तो हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
 
7. पाठ समाप्त होने पर 'श्रीराम जय राम जय जय राम' का जप या 'हनुमान चालीसा' का पाठ करें।
 
8. पाठ के पहले, बाद में और पाठ के दौरान और उसके समय में सात्विक आहार लें, और असत्य, क्रोध, झूठ आदि से बचें।
 
9. सुंदरकांड का पाठ करने के बाद हनुमानजी की आरती गाएं।
 
10. आरती के बाद सभी को प्रसाद का वितरण करें।

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