Hanuman Chalisa: यदि हम शास्त्रों को पढ़ते हैं तो यह कलयुग का चरम समय चल रहा है और इसका अंत निकट है। इससे पहले विनाश की बात कही जा रही है। दुनिया में जिस तरह के हालात बने है और आगे बन रहे हैं तो सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। ज्योतिष विश्लेषकों की माने तो भारत और पाकिस्तान का युद्ध तय है और तृतीय युद्ध भी तय है। इसके अलावा धरती का तापमान बढना भी तय है। ऐसे समय में आपको कोई चीज बचा सकती है तो वह हनुमान भक्ति और हनुमान चालीसा। शास्त्रों में ही लिखा है कि कलयुग में श्रीराम और हनुमान का नाम ही बचाने वाला रहेगा।
हनुमानजी के हर युग में और हर काल में विद्यमान होने के प्रमाण मिले हैं। हनुमानजी हमारे बीच इस धरती पर सशरीर मौजूद हैं। कुछ विद्वान मानते हैं कि हनुमानजी इस कलयुग के अंत तक अपने शरीर में ही रहेंगे जबकि कुछ का मानना है कि वे एक कल्प तक धरती पर ही रहेंगे। हनुमानजी कलियुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं, ऐसा श्रीमद् भागवत में वर्णन आता है।
''यत्र-यत्र रघुनाथ कीर्तन तत्र कृत मस्तकान्जलि। वाष्प वारि परिपूर्ण लोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तक॥'
अर्थात : कलियुग में जहां-जहां भगवान श्रीराम की कथा-कीर्तन इत्यादि होते हैं, वहां हनुमानजी गुप्त रूप से विराजमान रहते हैं। सीताजी के वचनों के अनुसार- 'अजर-अमर गुन निधि सुत होऊ।। करहु बहुत रघुनायक छोऊ।।'
काल मंडराएगा तो सिर्फ हनुमानजी की भक्ति ही बचाएगी:
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।
अर्थात जो भी आपकी शरण में आते है उन सभी को आनन्द एवं सुख प्राप्त होता है और आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।
और देवता चित्त न धरहीं।
हनुमत सेई सर्व सुख करहीं।
अर्थात अन्य देवताओं पर ध्यान न करें। हनुमान जी की सेवा करने से सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।
भविष्य मालिका के अनुसार धरती 3 चरणों से गुजर रही है। पहला कलयुग का अंत होगा, दूसरा महाविनाश होगा और तीसरा आएगा एक नया युग। कलयुग का अंत हो चुका है और महाविनाश का समय चल रहा है और इसके कुछ काल बाद नए युग का प्रारंभ होगा। ज्योतिष गणणा के अनुसार भी वर्ष 2026, 2027 और वर्ष 2028 का समय बहुत खराब आने वाला है। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके हनुमानजी की शरण में आ जाएं।