बेंगलुरु। कर्नाटक के 2 निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ा मुकाबला होने की संभावना प्रतीत हो रही है, क्योंकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के खिलाफ पार्टी के बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। हालांकि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया बुधवार को इसको लेकर बेफिक्र नजर आए।
भाजपा ने मंगलवार को 189 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची घोषित करते हुए वरिष्ठ मंत्री वी सोमन्ना को वरुणा विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जबकि आर अशोक को कनकपुरा सीट पर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के खिलाफ खड़ा किया। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, उन्हें चुनाव लड़ने दीजिए, मैं उनका स्वागत करता हूं, जो भी मेरे खिलाफ चुनाव लड़ेगा, मैं उसका स्वागत करता हूं।
शिवकुमार ने कहा, मैं उन्हें (अशोक को) शुभकामनाएं देता हूं। राजनीति में मुकाबला होना चाहिए। यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं है, क्योंकि मैंने 1985 में एचडी देवेगौड़ा के खिलाफ चुनाव लड़ा था, बाद में एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ। मेरा जीवन एक संघर्ष है, मैं लड़ना जारी रखूंगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस कदम के पीछे भाजपा नेतृत्व की मंशा यह सुनिश्चित करना प्रतीत होती है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों अपने-अपने क्षेत्रों से यथासंभव हद तक बंध जाएं, ताकि कांग्रेस की जीत के लिए अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में उनका प्रचार और रणनीति बनाना सीमित हो सके।
शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ने कथित तौर पर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि वे केवल अपना नामांकन दाखिल करने के लिए ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाएंगे और अपना पूरा समय अन्य कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए लगाएंगे ताकि अधिकांश क्षेत्रों में पार्टी की जीत सुनिश्चित की जा सके।
सोमन्ना लिंगायत समुदाय से आते हैं और इस समुदाय की वरुणा में अच्छी खासी मौजूदगी है, जबकि अशोक को भाजपा के प्रमुख वोक्कालिगा चेहरे के तौर पर देखा जाता है, जिससे शिवकुमार भी आते हैं। सोमन्ना चामराजनगर से भी चुनाव लड़ेंगे और अशोक पद्मनाभनगर क्षेत्र से (जिसका वह वर्तमान में प्रतिनिधित्व करते हैं)।
यह याद करते हुए कि उन्होंने चामुंडेश्वरी उपचुनाव के दौरान सिद्धारमैया के लिए प्रचार किया था जब वे एक ही पार्टी में थे और कैबिनेट सहयोगियों के रूप में उनके साथ काम किया था, सोमन्ना ने कहा कि वरुणा निर्वाचन क्षेत्र उनके लिए नया नहीं है। उन्होंने कहा, मैं अपना काम करूंगा।
शिवकुमार के खिलाफ मैदान में उतारे जाने के बारे में अशोक ने कहा, पार्टी के एक निष्ठावान सिपाही के रूप में वह अपने कमांडर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश का पालन करेंगे।
उन्होंने कहा, मुझे कनकपुरा से चुनाव लड़ने का काम दिया गया है, मुझे इसकी जानकारी नहीं थी, न ही मैंने इसके लिए कहा है, लेकिन पार्टी के एक अनुशासित सिपाही के रूप में, मैं निर्णय का पालन करूंगा। मैं पार्टी की इस चुनाव को जीतने की रणनीति की सफलता सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाऊंगा।
यह उल्लेखित करते हुए कि इंदिरा गांधी और देवेगौड़ा जैसे दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए थे, उन्होंने कहा, कनकपुरा के लोग विकास चाहते हैं और मुझे विश्वास है कि वे मुझे मोदी के नेतृत्व में 'डबल-इंजन सरकार' लाने का आशीर्वाद देंगे। पार्टी ने मुझे ताकत दी है और मैं लड़ूंगा।
सिद्धारमैया के खिलाफ अपने मुकाबले के बारे में सोमन्ना ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बहुत भरोसे के साथ जिम्मेदारी दी है और वह उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। सोमन्ना ने पहले कहा था कि वह सिद्धारमैया के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे। कोलार में, दूसरी सीट जहां से सिद्धारमैया चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, भाजपा ने वरथुर प्रकाश को मैदान में उतारा है, जो इस क्षेत्र से 2 बार निर्दलीय जीते हैं।
कनकपुरा से अशोक के उनके खिलाफ चुनाव लड़ने पर टिप्पणी करते हुए, शिवकुमार ने कहा, राजनीति शतरंज का खेल है और कांग्रेस और भाजपा दोनों खेल खेल रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बदले में कांग्रेस पद्मनाभनगर में अशोक के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार उतारेगी, दूसरी सीट जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, वी रघुनाथ नायडू वहां हमारे उम्मीदवार हैं।
डीके सुरेश (बेंगलुरु ग्रामीण सांसद) को वहां से मैदान में उतारने का भी दबाव है लेकिन हमने नायडू के नाम की घोषणा की है। हम चर्चा करेंगे। भाजपा के पूर्व मंत्री सीपी योगेश्वर का चन्नपटना में एक बार फिर जनता दल (सेक्यूलर) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से आमना-सामना होगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)