करवा चौथ का व्रत बहुत ही कठिन होता है क्योंकि इसमें अन्न और जल ग्रहण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक की रात को चांद के दर्शन ना हो जाए। मौसम के कारण कभी-कभी चांद बहुत देर से दिखाई देता है तो कभी बादल घने होने के कारण दिखाई ही नहीं देता हैं। ऐसे में महिलाएं दूसरे दिन व्रत खोलती हैं। इस कठिनाइयों के चलते जानिए 10 स्टेप में करवा चौथ का व्रत मनाने का तरीका।
1. सबसे पहली बात यह कि सरगी अच्छे से खाएं। सास द्वारा दी गई सरगी में काजू, बादाम, किशमिश, अंगूर, नारियल के अलावा ऐसे व्यंजन होते हैं जो आपके शरीर में जल की मात्रा को शाम तक बनाए रखते हैं। सरगी तड़के खाई जाती है। यदि इसे अच्छे से खाएंगे तो रात तक एनर्जी बनी बनी रहेगी।
2. यदि आपको घर या ऑफिस के बहुत काम है तो आप बहुत सारी चूड़ियां पहनकर नहीं रहें। दो-चार-छह इस तरह के सम सख्या में चूड़ियां पहनकर रह सकते हैं। भारी वस्त्र, धूल और धूप से बचें।
3. अनावश्यक कार्यों से इधर-उधर घुमें नहीं बल्कि लंच समय में आराम करें। आप जितनी एनर्जी बचाएंगी उतना बेहतर होगा। आज के दिन ज्यादा काम न करें।
4. आप भूख के बारे में न सोचते हुए अपना ध्यान शाम की तैयारी पर लगाएं कि कैसे मेकअप करेंगे और कैसे अन्य महिलाओं के साथ मिलकर पूजा आदि करेंगी। उपवास से ध्यान हटाने के लिए म्यूजिक सुनते हुए कार्य कर सकती हैं।
5. एक साफ बोटल में सास के दिए हुए करवे का थोड़ा बहुत पानी अपने साथ रखें। साथ ही अनाज वाले करवे में से थोड़ा-सा साबूत अनाज और सास के बायने के शगुन का पैसा भी रखें।
6. जब भी में समय मिले तो तो कथा पढ़ें या सुने। जिस समय आप कथा पढ़ या सुन रही हों, उस समय अनाज और पानी अपने पास रखें।
7. कथा पढ़ने या सुनते समय सामने एक प्लेट रख लें और हुंकारा भरते हुए अनाज का एक-एक दाना उस प्लेट में रखते जाएं।
8. करवे में वो पानी डाल दें, जिसे आप अपने साथ रख रही थीं और साबूत अनाज को अर्घ्य देने के लिए रख लें।
9. शाम को उसी पानी और साबूत अनाज से चंद्रमा को अर्घ्य दें।
10. अर्घ्य देते समय चांदी का लोटा, सिक्का या अंगूठी हाथ में जरूर रखें।