Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
Monday, 3 March 2025
webdunia

बाल गीत : चलो पिताजी गांव चलें हम

Advertiesment
हमें फॉलो करें बाल गीत : चलो पिताजी गांव चलें हम
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

चलो पिताजी गांव चलें हम
दादाजी के पास


 
बहुत दिनों से दादाजी का
नहीं मिला है साथ
वरदहस्त सिर पर हो उनका
भीतर मेरे साथ
 
पता नहीं क्यों हृदय व्यथित है
मन है बहुत उदास
चलो पिताजी गांव चलें हम
दादाजी के पास
 
दादी के हाथों की रोटी
का आ जाता ख्याल
लकड़ी से चूल्हे पर पकती
सौंधी-सौंधी दाल
 
अन्नपूर्णा दादी मां में
है देवी का वास
चलो पिताजी गांव चलें हम
दादाजी के पास
 
घर के पिछवाड़े का आंगन
अक्सर आता याद
दादाजी पौधों में देते
रहते पानी-खाद
 
गांव की मिट्टी से आती
है मीठी उच्छ्वास
चलो पिताजी गांव चलें हम
दादाजी के पास
 
जब-जब भी हम गांव गए हैं
मिला ढेर-सा प्यार
दादा-दादी, काका-काकी
के मीठे उद्गार
 
हंसी-ठिठौली मस्ती देती
खुशियों का अहसास
चलो पिताजी गांव चलें हम,
दादाजी के पास

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

लघुकथा : सुंदरता