Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बाल गीत : फूलों के मेले में

Advertiesment
हमें फॉलो करें बाल गीत : फूलों के मेले में
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

फूलों के मेले में
पापा के संग पार्क गई थी, 
लगी झूलने झूले में।
 
दौड़-दौड़कर लगे झुलाने, 
पापाजी थे झूला।
धक्का मार-मारकर झूला,
आसमान में ठेला।
आसमान में चिड़ियों से कीं, 
बातें निपट अकेले में।
 
चिड़ियों से मिलकर वापस मैं,
जब धरती पर आई।
क्यारी के फूलों की मीठी,
बोली पड़ी सुनाई।
छोड़-छाड़कर झूला पहुंची, 
इन फूलों के मेले में।
 
फूलों का मेला क्या ये तो,
था मस्ती का सागर।
किया गुलों के सब झुंडों ने, 
स्वागत, गीत सुनाकर।
गीत सुनाकर सब फूलों ने, 
मुझे ले लिया गोले में।
 
सभी फूल हंसकर बोले हो, 
तुम परियों की रानी।
हमें सुनाओ परीलोक की, 
कोई अमर कहानी।
अब तो मैं घबराई, सोचूं, 
पड़ गई कहां झमेले में।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

देवी गीत : तुम्हारे दर्शन को