- शंभूनाथ
नव वर्ष पर कविता
नए वर्ष में गढ़ो कुछ नई कहानी
फूल बन के गम की छोड़ दो निशानी
ऐसी मिसाल दो कि नाम हो जाए
लोग तुम्हारे नाम को प्यार से गाएं
तुमको भी जिंदगी की डोर है निभानी
सफलता चरण को चूमे खुशियां बजाएं ताली
तुम्हारी सफलता, सरलता भी हो निराली
जिंदगी सजा के तुम्हें ज्योति है जलानी
फूल बन के गम की छोड़ दो निशानी