गूंज रहे हैं गली-मुहल्ले,
दगते धूम-धड़ाम पटाखे।
अरे सम्हलकर इन्हें जलाओ,
जल जाएं तो पास न जाओ।
भैया हमको यह समझाएं,
रहो सुरक्षित, मौज मनाओ।
बरती अगर सावधानी तो
खुशियों का पैगाम पटाखे।
शोर मचाते बच्चे सारे,
धूम-धड़ाका खूब मचा रे।
दगे पटाखे, बजे तालियां,
छूटे खुशियों के फव्वारे।
हंसी-खुशी से भरे लबालब,
बांट रहे इनाम पटाखे।
ज्यादा जो जल गए पटाखे,
फैले चारों तरफ धमाके।
और प्रदूषण फैलेगा तब,
इसे चलाओ जरा बचा के।
ध्यान रह इन बातों का भी,
कहीं न हो बदनाम पटाखे।
साभार - देवपुत्र