बाल कविता : बच्चे फिर स्कूल चले
सैर-सपाटे भूल चले,
बच्चे फिर स्कूल चले।
आलस पर दे धूल चले,
बच्चे फिर स्कूल चले।
कक्षा नई
नए बस्ते
नन्हे-मुन्ने
गुलदस्ते
हंसते-गाते फूल चले,
बच्चे फिर स्कूल चले।
खुशियों का
मेला बच्चे
तन-मन झूला झूल चले,
बच्चे फिर स्कूल चले।
साभार- devputra
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