Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

फनी बाल कविता : लोरी

Advertiesment
हमें फॉलो करें फनी बाल कविता : लोरी
- सुरेन्द्र अंचल
 
अक्कड़-बक्कड़ बबे बो,
सो जा कन्नू अब ना रो। 
देऊंगी री ऐसी गुड़िया, घूंघर वाले बाल हो,
देख-देखकर कुन्नू मेरा, नाचे दे दे ताल हो। 
चंदामामा नीचे आओ,
तारे लाओ पूरे सौ।।
 
निंदिया रानी चादर ला, कुन्नू को होले औढ़ा।
सपनों की बगियों में जा, लाएगा मुन्ना घोड़ा।
रास जो खींचे मुन्ना तो
घोड़ा दौड़े अंगुल नौ।।
 
नहीं हठीला कुन्नू मेरा, कहना सबका मानता,
पहले-पहले राजा, देखे कौन है आंखें मूंदता।
सो जा बेटा एक दो...।
अस्सी नब्बे पूरे सौ। 
अक्कड़-बक्कड़ बबे बो,
सो जा कन्नू अब ना रो।

साभार - देवपुत्र 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आपको अवश्य पता होनी चाहिए 2 आंखों के बारे में यह रोचक जानकारी