- पुरुषोत्तम व्यास
कब दौ़ड़ेगी रेलगाड़ी
हाथ हिलाकर छोड़ आऊंगा...
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी
मैं खिड़की से खेतों को देखूंगा....
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी
नदी में पैसे अर्पण करूंगा
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी
गर्म चाय की आवाज सुनूंगा
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी
स्टेशन पर डिब्बा पहुंचाऊंगा
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी
किसी अपने को लेने जाऊंगा..
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी
दूर देश घूम-घूम आऊंगा...
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी
उसकी सीटी से मेरा मन डोलेगा....
सूनी-सूनी पटरी, सूना-सूना स्टेशन
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी...।
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)