चली पुतरियां
पइयां पइयां,
पहुंची पीपल छैयां।
लाल पुतरिया दूल्हा बनकर,
ले आई बारात।
हरी पुतरिया दुल्हन बन गई,
हो गए फेरे सात।
मटकी सबने सिर पर रखकर,
नाची छोन मुनइयां।
दूल्हा-दुल्हन बनी पुतरियों,
ने खाई तिलपट्टी।
तिलपट्टी पर हुई लड़ाई,
लो हो गई अब कट्टी।
ज़रा देर में हुई दोस्ती,
फिर हो गई गलबहियां।
सभी पुतरियां बस्ता लेकर,
निकल पड़ीं स्कूल।
शोर मचाती मस्ती करतीं,
गईं रास्ता भूल।
थोड़ी-थोड़ी सभी डर गईं,
का है राम करैयां।
नहीं किसी ने हारी हिम्मत,
सबने छेड़ी तान।
हंसते गाते धूम मचाते,
सबने गाए गान।
मस्ती करते पहुंच गईं सब,
अपनी अपनी ठइयां।
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