1 किलो मक्खन बनाम 1 किलो शक्कर
बच्चों की दिलचस्प कहानी
गांव में एक किसान रहता था जो दूध से दही और मक्खन बनाकर बेचने का काम करता था..
एक दिन बीवी ने उसे मक्खन तैयार करके दिया वो उसे बेचने के लिए अपने गांव से शहर की तरफ रवाना हुआ...
वो मक्खन गोल पेढ़े की शकल मे बना हुआ था और हर पेढ़े का वज़न एक किलो था..
शहर में किसान ने उस मक्खन को हमेशा की तरह एक दुकानदार को बेच दिया,और दुकानदार से चायपत्ती,चीनी,तेल और साबुन बगैरह खरीदकर वापस अपने गाँव को रवाना हो गया..
किसान के जाने के बाद -
.. .दुकानदार ने मक्खन को फ्रिज में रखना शुरू किया.....
उसे खयाल आया के क्यों ना एक पेढ़े का वजन किया जाए, वजन करने पर पेढ़ा सिर्फ 900 ग्राम का निकला, हैरत और निराशा से उसने सारे पेढ़े तोल डाले मगर किसान के लाए हुए सभी पेढ़े 900-900 ग्राम के ही निकले।
अगले हफ्ते फिर किसान हमेशा की तरह मक्खन लेकर जैसे ही दुकानदार की दहलीज़ पर चढ़ा..
दुकानदार ने किसान से चिल्लाते हुए कहा: दफा हो जा, किसी बेईमान और धोखेबाज से कारोबार करना.. पर मुझसे नही।
900 ग्राम मक्खन को पूरा एक किलो कहकर बेचने वाले शख्स की मैं शक्ल भी देखना गवारा नहीं करता..
किसान ने बड़ी ही विनम्रता से दुकानदार से कहा "मेरे भाई हम तो गरीब और बेचारे लोग है, हमारी माल तोलने के लिए बाट (वज़न) खरीदने की हैसियत कहाँ ????
आपसे जो एक किलो चीनी लेकर जाता हूँ उसी को तराज़ू के एक पलड़े में रखकर दूसरे पलड़े में उतने ही वज़न का मक्खन तोलकर ले आता हूँ।
Pointers : सीख : जो हम दूसरों को देंगे, वही लौट कर आएगा...
चाहे वो इज्जत, सम्मान हो या फिर धोखा...!!