वाशिंगटन। नासा ने उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि इस वर्ष के पहले छ: माह में पृथ्वी सबसे अधिक गर्म रही। साथ ही वर्ष 1979 में उपग्रह रिकॉर्ड की शुरुआत के बाद आर्कटिक सागर में बर्फ का स्तर सबसे कम रहा।
पृथ्वी पर किए गए अवलोकन और उपग्रह के आंकडों के विश्लेषण के आधार पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि वैश्विक तापमान और आर्कटिक सागर में बर्फ के स्तर के रूप में जलवायु परिवर्तन के दो संकेतकों ने इस वर्ष के पहले छ: माह के दौरान कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए।
अमेरिका में नासा के गोडार्ड इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज (जीआईएसएस) के मुताबिक वर्ष 2016 के पहले छह महीने आधुनिक तापमान रिकॉर्ड के मुताबिक सबसे गर्म रहे, जिसकी शुरुआत वर्ष 1880 में हुई थी।
जनवरी से लेकर जून तक की छ: माह की अवधि भी पहली छमाही के लिहाज से सबसे गर्म रही और पृथ्वी 19वीं सदी के आखिर के वषरें की तुलना में औसतन 1.3 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रही।
नासा के गोडार्ड फ्लाइट सेंटर के मुताबिक वर्ष 1979 से प्रारंभ के उपग्रहीय रिकार्ड के मुताबिक पहले छ: माह में से पांच माह में आर्कटिक सागर में बर्फ का स्तर सबसे कम रहा।
केवल मार्च माह इस लिहाज से दूसरे स्थान पर रहा। इन दो प्रमुख संकेतकों के इस वर्ष कई रिकार्ड तोड़ने के बाद नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वैश्विक तापमान और आर्कटिक सागर के बर्फ के स्तर में परिवर्तन जारी है। (भाषा)