सर आइजैक न्यूटन को दुनिया का सर्वकालिक महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ माना जाता है। विज्ञान और गणित में उनके योगदान अतुलनीय है।
लेकिन न्यूटन के व्यक्तित्व और रुचियां उनके व्यक्तित्व को रहस्यमी भी बनाती है। मृत्यु के बाद उनके शरीर में बहुत सारा पारे का पाया जाना उनकी मौत को भी रहस्यमी बना गया था।
न्यूटन के दिए बहुत सारे सिद्धांत आज भी गणित और विज्ञान के मूल सिद्धांतों के रूप में पढ़ाए जाते हैं। उनके अपने कुछ समकालीन वैज्ञानिकों से अनबन के किस्से भी सुनने को मिलते हैं। लेकिन उनकी मौत के बारे में कई तरह की बातें होती रही हैं।
न्यूटन का निधन 31 मार्च 1727 में ब्रिटेन के मिडिलसेक्स के केनसिंगटन में हुआ था। न्यूटन एक गणितज्ञ, भौतिकविद, खगोलविद, लेखक विचारक, धर्म और आध्यात्म विद्या, एक अल्केमिस्ट के तौर पर मशहूर थे। उन्होंने भैतिकी और गणित में विशेष योगदान दिया था। उनके कैल्कुलस के सिद्धांत ने गणित को नया आधार दिया आज इंजीनियरिंग की कैल्कुलस के बिना कल्पना करना ही संभव नहीं है।
हालांकि न्यूटन का लेबिनिट्ज के साथ विवाद रहा था कि पहले कैल्क्यूलस काआविष्कार किसने किया, लेकिन विज्ञान जगत मानता है कि दोनों ने स्वतंत्र रूप से यह किया था। लेकिन अंग्रेजी के व्यापक होने के कारण न्यूटन को स्वीकृति पहले मिली थी। यह भी कहा जाता है कि लेबनिट्ज ने काफी पहले कैल्क्यूलस बना लिया था, लेकिन दुनिया के समाने आने में देर लगी। काफी समय बाद लेबनिट्ज के योगदान को महत्व दिया जा सका।