वर्मोंट (अमेरिका)। वैज्ञानिकों ने मेंढक के स्टेम सेल से दुनिया का पहला जिंदा और सेल्फ हीलिंग रोबोट तैयार किया है। इस रोबोट को बनाने में अफ्रीका में पाए जाने वाले स्टेम सेल का प्रयोग किया गया है। यह कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में बड़ा मददगार साबित हो सकता है।
वर्मोंट यूनिवर्सिटी ने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इस रोबोट को बनाया है। यूनिवर्सिटी के मुताबिक यह पूरी तरह से नए जीवन का रूप है। इस पूरी रिचर्स का नाम जेनोबोट्स रखा गया है।
आकार में यह रोबोट एक मिलीमीटर (0.004 इंच) से भी कम है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह रोबोट मानव शरीर में आसानी से चल सकता है और तैर भी सकता है।
इसे एक तरह से जीवित मशीन कहा सकता है। इसे किसी इंसान के इलाज में काम में लिया जा सकता है, जो बहुत ही कारगर साबित होगी।
रिसचर्स के मुताबिक यह एक बॉयोलिजिकल मशीन है। जेनोबोट्स परपरांगट रोबोट की तरह नहीं है। इसके पास न तो गियर या न आर्म्स होते हैं।
कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने या समुद्र से माइक्रोप्लास्टिक्स को हटाने के लिए इस रोबोट का प्रयोग किया जा सकता है। जेनोबोट्स मानव शरीर में दवाओं को ले जा सकती है। यहां तक कि धमनियों में भी आसानी से घूम सकती है।
जेनोबोट्स में अपना उपचार खुद करने की क्षमता है। जब वैज्ञानिकों ने रोबोट के टुकड़े किए तो यह अपने आप ठीक हो गया और चलता रहा। (Photo courtesy : CNN)