नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने विवादित बयान दिया है। टिकैत ने कहा कि हिंसा में जो भाजपा के कार्यकर्ता मारे गए वो एक्शन का रिएक्शन था।
टिकैत ने शनिवार को कहा कि वे उन्हें अपराधी नहीं मानते, जिन्होंने उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में भाजपा के कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या की क्योंकि उन्होंने तो प्रदर्शनकारियों के ऊपर कार चढ़ाए जाने की प्रतिक्रिया में ऐसा किया।
राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा जब तक जांच नहीं हो सकती है। किसी गृह राज्य मंत्री के खिलाफ कोई अधिकारी सवाल कर सकते हैं?
समझौते में भी मांग थी कि मंत्री का इस्तीफा हो। अगर हमारी मांग को नहीं माना जाता है तो हम फिर से विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन चलता रहेगा।
संवाददाताओं द्वारा यहां पूछे गए एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी में कारों के एक काफिले ने चार किसानों को रौंद दिया, जिसके जवाब में भाजपा के 2 कार्यकर्ता मारे गए। यह क्रिया के बदले की गई प्रतिक्रिया थी। मैंने हत्या में शामिल लोगों को अपराधी नहीं मानता।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमें लोगों की मौत पर दु:ख है, चाहे वे भाजपा कार्यकर्ता हों या किसान। यह दुर्भाग्यपूर्ण था और हमें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।
किसान नेताओं ने शनिवार को मांग की कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया जाए। नेताओं ने कहा कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी।
यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अजय मिश्रा को सरकार से हटा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने यह साजिश रची और वह इस मामले में दोषियों को बचा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर को दशहरे के दिन एसकेएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन करेगा।