लाल किताब में कर्म को ज्यादा महत्व दिया गया है। यह व्यक्ति लाल किताब में बताए गए निषेध कर्म करता है तो उसका सारा धन बर्बाद हो जाता है और नौबत यहां तक आ जाती है कि व्यक्ति या तो दावाखाना, जेलखाना या पागलखाने में पहुंच जाता है। आओ जानते हैं कि ऐसे कौन से कर्म हैं जो कि व्यक्ति को बर्बाद कर देते हैं।
1.जहां मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन किया जाता है वहां राहु का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसे व्यक्ति पर जीवन के किसी मोड़ पर शनि का दंड अवश्य पड़ता है। तब ऐसे व्यक्ति को दवाखाना या जेलखाना जरूर जाना होता है। दरअसल, मदिरा या शराब का सेवन करने से शनि खराब हो जाता है। तामसिक भोजन करने से मंगल खराब होता है।
2.ब्याज का धंधा करना लाल किताब के अनुसार पाप है। ऐसे व्यक्ति के उपर एक दिन शनि का जब दंड चलता है तो वह चारों खाने चीत हो जाता है। ब्याज का धंधा करने से भी शनि खराब हो जाता है। इससे संतान के भविष्य पर बुरा असर होता है।
3.जहां स्त्री अपमान, देवी और देवताओं का अपमान, मंदिर का अपमान और अनैतिक कृत्यों को महत्व दिया जाता है उनका धन दवाखाने, जेलखाने और पागलखाने में ही खर्च होता रहता है। अंतत: वे बुरी तरह बर्बाद हो जाते हैं।
4.जिनकी कुंडली में गुरु सप्तम या दशवें भाव में हैं यदि वे घर में पूजाघर बनाकर पूजा करते हैं तो निश्चित ही वे बर्बाद हो जाएंगे। दरअसल, लाल किताब के अनुसार जब कुण्डली में बृहस्पति 2, 5, 9, 12 भावों से बाहर हो जोकि बृहस्पति के पक्के घर है तथा बृहस्पति स्वयं 3, 6, 7, 8, 10 भाव में और बृहस्पति के पक्के घरों (2,5,9,12) में बुध या शुक्र या शनि या राहु या केतु बैठा हो तो व्यक्ति पितृ ऋण से पीड़ित होता है। ऐसे में इसका उपाय किया जाता जरूरी है।
व्यक्ति अपने कर्मों से भी पितृदोष निर्मित कर लेता है। जैसे कोई व्यक्ति पिता से वैरभाव रखता है, देवताओं का अपमान करता है और मंदिर का विरोध करता है तब भी पितृदोष प्रारंभ हो जाता है। पीपल का वृक्ष काटना या पूजा स्थान पर तोड़फोड़ करने से भी पितृदोष लगता है।
5.घर में क्रोध, कलह और रोना-धोना आर्थिक समृद्धि व ऐश्वर्य का नाश कर देता है इसलिए घर में कलह-क्लेश पैदा न होने दें। घर की स्त्री को अपमानित ना करें। सभी के विचारों का सम्मान करें। यदि आप घर के मुखिया है तो आपकी जिम्मेदारी है कि सभी से प्यार करें और उनकी जरूरतों को समझें।
6.घर में शौचालय और बाथरूम अलग अलग होना चाहिए और यह जितने साफ सुधरे रहेंगे उतना ही राहु और शुक्र अच्छी स्थिति में रहेगा। घर में सीढ़ियां वस्तु के अनुसार होना चाहिए और वह भी साफ सुधरी रखें। घर में सीढ़ियों को पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर ही बनवाएं। कभी भी उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां न बनवाएं। घर में कहीं भी कचरा या अटाला जमा न होने दें। छप्पर पर बांस न रखें और किसी भी प्रकार की अनुपयोगी वस्तुएं भी न रखें।
8.गाय, कुत्ते, तोता, कौवे या अन्य किसी भी प्राणी मारना, दूसरे के बेटे या भतीजे से छल-कपट करना बहुत बुरा होता है। इसका दुष्परिणाम झेलना ही होता है। लाल किताब के अनुसार इससे कुदरती ऋण लगता है। यदि यह आपकी कुंडली में पूर्व से ही स्थापित हो तो इसका उपाय करना चाहिए।
9.लाल किताब के अनुसार तोता, कुत्ता, खरगोश आदि कोई सा भी प्राणी पालने से पहले कुंडली का विश्लेषण करना जरूरी है अन्यथा भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कई लोगों को लाल किताब के अनुसार तोता पालने की मनाही की जाती है। कुछ लोगों के लिए कुत्ता पालन वर्जित माना गया है और कुछ लोगों के लिए कुत्ता पालना लाभदायक होता है। अत: यह जानना जरूरी है कि आपको कोई प्राणी पालना चाहिए या नहीं।
10.लाल किताब के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर कुछ न कुछ ऋण होते हैं। जैसे पितृ ऋण या जालिनामा ऋण। यदि आपकी कुंडली में किसी भी प्रकार का ऋण नहीं है तो डरने की जरूरत नहीं। लेकिन यदि आपकी कुंडली में कोई ऋण मौजूद है तो उसका उपाय कर लें अन्यथा जेलखाना, दवाखाना या पागलखाना का मुंह देखना पड़ सकता है।
अन्य हिदायत- संधिकाल में अनिष्ट शक्तियां प्रबल होने के कारण इस काल में निम्नलिखित बातें निषिद्ध बताई गई हैं- सोना, खाना-पीना, गालियां देना, झगड़े करना, अभद्र एवं असत्य बोलना, क्रोध करना, शाप देना, यात्रा के लिए निकलना, शपथ लेना, धन लेना या देना, रोना, वेद मंत्रों का पाठ, शुभ कार्य करना, चौखट पर खड़े होना।
दक्षिण दिशा में पैर करके न सोएं। शाम के समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए किंतु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का नाश होता है। दांतों को अच्छे से साफ और चमकदार बनाए रखें। बार-बार थूकने, झींकने या खांसने की आदत को बदलें। उपरोक्त नियमों का पालन करने से व्यक्ति स्वस्थ बना रहता है। उपरोक्त नियम का पालन नहीं करने से जहां एक ओर बरकत चली जाती है वहीं व्यक्ति कई तरह के संकटों से घिर जाता है।