शनि, राहु और केतु हमारे जीवन में अचानक घटने वाली घटनाओं के लिए जिम्मेदार रहते हैं। काला जादू, तंत्र, टोना, डरावने स्वप्न, दुर्घटना आदि राहु ग्रह अपने प्रभाव से करवाता है तो केतु रात की नींद हराम कर देता है और अचानक धोखे का शिकार बना देता है और धन संपत्ति का नुकसान कर देता है। ऐसे में आओ जानते हैं इससे बचने के लिए लाल किताब के अचूक उपाय।
राहु और केतु के सामान्य उपाय :- Remedies for Rahu and Ketu:
1. राहु के उपाय : राहु ससुराल पक्ष का कारक है, ससुराल से बिगाड़ नहीं चलना चाहिए। सिर पर चोटी रखना, माथे पर चंदन का तिलक लगाना, भोजन कक्ष में ही भोजन करना राहु का उपाय है। घर में ठोस चांदी का हाथी रख सकते हैं। सरस्वती की आराधना करें। गुरु का उपाय करें। संयुक्त परिवार में रहें। कोयला बहते पानी में डाले। गोमेद मध्यमिका अंगुली में धारण करें। चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें।
2. केतु का उपाय : संतानें केतु हैं। इसलिए संतानों से संबंध अच्छे रखें। भगवान, गणेश की आराधना करें। दोरंगी कुत्ते को रोटी खिलाएं। कान छिदवाएं और कुत्ता पालें। काला और सफेद कंबल दान करें। केसर का तिलक लगाएं। हनुमान मंदिर में ध्वज दान करें। घर ध्वजा लहराएं।
3. राहु और केतु : राहु और केतु ग्रह के लिए काली गाय का घी और कस्तूरी इत्र का उपयोग कर सकते हैं। कस्तूरी इत्र न मिले तो केसर का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा घर में प्रतिदिन कर्पूर जलाएं या गुड़-घी को मिलाकर कंडे पर जलाएं। घर के शौचालय को साफ-सुधरा रखें।
कुंडली में राहु या केतु का प्रत्येक खाने में अलग-अलग असर होता है। खाने के अनुसार उपाय :
1. खाना नंबर एक : यदि आपकी कुंडली के पहले भाव में राहु और सातवें भाव में केतु हो तो चांदी की ठोस गोली अपने पास रखें।
2. खाना नंबर दो : यदि आपकी कुंडली के दूसरे भाव में राहु और आठवें में केतु हो तो दो रंग या ज्यादा रंगों वाला कंबल दान करें।
3. खाना नंबर तीन : यदि आपकी कुंडली के तीसरे भाव में राहु और नवम भाव में केतु हो तो सोना धारण करें। बाएं हाथ की कनिष्ठा में सोने का छल्ला पहनें या चने की दाल बहते पानी में बहाएं।
4. खाना नंबर चार : यदि आपकी कुंडली के चौथे भाव में राहु और दसम भाव में केतु हो तो चांदी की डिब्बी में शहद भरकर घर के बाहर जमीन में दबाएं।
5. खाना नंबर पांच : यदि आपकी कुंडली के पांचवें भाव में राहु और ग्यारहवें भाव में केतु हो तो घर में चांदी का ठोस हाथी रखें।
6. खाना नंबर छह : यदि आपकी कुंडली के छठे भाव में राहु और बारहवें भाव में केतु हो तो बहन की सेवा करें, ताजे फूल अपने पास रखें व कुत्ता पालें।
7. खाना नंबर सात : यदि आपकी कुंडली के सातवें भाव में राहु और पहले भाव में केतु हो तो लोहे की गोली को लाल रंग से रंगकर अपने पास रखें। चांदी की डिब्बी में बहते पानी का जल भरकर उसमें चांदी का एक चौकोर टुकड़ा डालकर तथा डिब्बी को बंद करके घर में रखने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखते रहें कि डिब्बी का जल सूखे नहीं।
8. खाना नंबर आठ : यदि आपकी कुंडली के अष्टम भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु हो तो 800 ग्राम सिक्कों के आठ टुकड़े करके एकसाथ बहते पानी में प्रवाहित करना अच्छा होगा।
9. खाना नंबर नौ : यदि आपकी कुंडली के नवम भाव में राहु और तीसरे भाव में केतु हो तो चने की दाल पानी में प्रवाहित करें। चांदी की ईंट बनवाकर घर में रखें।
10. खाना नंबर दस : यदि आपकी कुंडली के दसम भाव में राहु और चौथे भाव में केतु हो तो पीतल के बर्तन में बहती नदी या नहर का पानी भरकर घर में रखना चाहिए। उस पर चांदी का ढक्कन हो तो अतिउत्तम।
11. खाना नंबर ग्यारह : आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु और पांचवें भाव में केतु होने पर 400 ग्राम सिक्के के 10 टुकड़े कराकर एकसाथ बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए। इसके अलावा 43 दिनों तक गाजर या मूली लेकर सोते समय सिरहाने रखकर सुबह मंदिर आदि में दान कर दें।
12. खाना नंबर बारह : यदि आपकी कुंडली के बारहवें भाव में राहु और छठे भाव में केतु हो तो लाल रंग की बोरी के आकार की थैली बनाकर उसमें सौंफ या खांड भरकर सोने वाले कमरे में रखना चाहिए। कपड़ा चमकीला न हों। केतु के लिए सोने के जेवर पहनना उत्तम होगा।