लाल किताब में आपकी कुंडली देखकर भी मकान की स्थिति बताई जा सकती है और कुंडली के अनुसार भी मकान बनाया जा सकता है। लाल किताब के अनुसार प्रत्येक ग्रह का एक घर या मकान होता है जिसकी स्थिति के बारे में बताया गया है। जैसे शनि के मकान के पास कीकर, आम या खजूर के वृक्ष हो सकते हैं। घर में तलघर हो सकता है। पीछे की दीवार कच्ची हो सकती है। यदि वह दीवार गिर जाए तो शनि के खराब होने की निशानी मानी जाती है। इसी तरह सभी ग्रहों के मकान का वर्णन मिलेगा। यहां जानते हैं कि चंद्र का मकान कैसा होता है और क्या है इसमें रहने के फायदे।
चंद्र का मकान : चंद्र का मकान अधिकतर पश्चिम या उत्तर कोण में होता है। चंद्र है तो मकान से 24-25 कदम दूर या ठीक सामने कुआं, हैंडपंप, तालाब या बहता हुआ पानी अवश्य होगा। दूध वाले वृक्ष होंगे। ऐसा माना जाता है कि पश्चिम में है तो शनि के प्रभाव में रहेगा और उत्तर में है तो गुरु के प्रभाव में। परंतु जल की स्थिति से चंद्र सही रहता है।
1. ऐसे मकान में मानसिक शांति मिलती है।
2. माता का या घर की महिलाओं की सेहत सही रहती है।
3. धन और समृद्धि के मार्ग खुलते हैं।
4. सभी तरह की सुख, सुविधा और वैभव रहता है।
5. परिवार के लोग यदि जुबान के अच्छे हैं तो किसी भी प्रकार की घटना दुर्घटना नहीं होती है।
यदि मकान की दिशा उत्तर, वायव्य या पश्चिम दिशा है तो इसे चंद्र या गुरु का मकान बनाकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।