लाल किताब सामुद्रिक शास्त्र पर आधारित ज्योतिषीय विज्ञान है। हस्तरेखा सामुद्रिक शास्त्र का एक हिस्सा है। हस्तरेखा के विशेषज्ञ बने बगैर आप लाल किताब के विशेषज्ञ नहीं बन सकते। लाल किताब का हस्तरेखा विज्ञान आम हस्तरेखा विज्ञान से थोड़ा भिन्न है। आओ जानते हैं कि हाथ की हथेलियों में किसी ग्रह का निशान कैसा दिखाई देता है।
हमारी हाथ की हथेली के दो हिस्से हैं। एक अंगुलियों का हिस्सा और दूसरा हथेलियों का हिस्सा है। अंगुलियों के हिस्से में राशियों के पोर है और हथेली में ग्रहों के पर्वत, निशान और रेखाएं होती हैं।
निशान :
1.हथेली में सूर्य का निशान सूर्य के समान दिखाई देता है।
2.चंद्र का निशान चंद्र तारे की तरह नजर आता है।
3.शुभ मंगल का निशान चौकोर चतुर्भुज के समान होता है।
4.अशुभ मंगल का निशान त्रिकोण या त्रिभुज के रूप में होता है।
5.बुध का निशान गोलाकार समान होता है।
6.गुरु का निशान किसी ध्वज की तरह होता है।
7.शुक्र का निशान समान्तर में बनी दो लहराती हुई रेखाओं सा होता है।
8.शनि का निशान धनु के आकार का होता है।
9.राहु का निशान आड़ी-तिरछी रेखाओं से बना जाल सा होता है।
10.केतु का निशान लम्बी रेखा के नीचे एक अर्धवृत सा होता है।