Lal Kitab Dhanu rashi upay 2026: वर्ष 2026 धनु राशि के जातकों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव और शानदार परिणाम लेकर आ सकता है, बशर्ते वे चतुर्थ भाव में स्थित शनि को संतुलित कर लें। आपकी कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति अत्यंत मजबूत है, जो भाग्य और कर्म में आपका साथ देगी।
ग्रहों की शुभ स्थिति:
बृहस्पति (गुरु): भाग्यशाली गुरु लगभग जून माह तक सप्तम भाव में रहेंगे, जो आपके वैवाहिक जीवन, साझेदारी और व्यवसाय में विस्तार के लिए अत्यंत शुभ है। इसके बाद, वह अष्टम भाव में गोचर करेंगे और वर्ष के अंत में नवम भाव की यात्रा करेंगे, जिससे भाग्य और धर्म में वृद्धि होगी।
राहु: यह ग्रह तीसरे भाव में बैठा है, जो पराक्रम, साहस और छोटे भाई-बहनों का स्थान है। तीसरे भाव का राहु आपकी हिम्मत, जोखिम लेने की क्षमता और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाता है।
केतु: यह ग्रह नवम भाव में है, जिसे धर्म, भाग्य और लंबी यात्राओं का भाव माना जाता है। नवम भाव का केतु आपको धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में रुचि देगा, जिससे आपका भाग्य मजबूत होगा।
शनि: समस्या केवल चतुर्थ भाव में बैठे शनि से जुड़ी है। चतुर्थ भाव माता, सुख, घर और संपत्ति का होता है। शनि यहाँ बैठकर पारिवारिक सुख, माता के स्वास्थ्य और मन की शांति को प्रभावित कर सकता है। यदि इस शनि को काबू में कर लिया जाए, तो पूरा वर्ष आपके लिए एक शानदार और भाग्यशाली वर्ष साबित हो सकता है।
धनु राशि के लिए लाल किताब के सटीक उपाय 2026: Lal Kitab Remedies 2026 for Sagittarius
वर्ष 2026 को शानदार और भाग्यशाली बनाने के लिए, विशेष रूप से चतुर्थ भाव के शनि और अन्य ग्रहों के शुभ फलों को बढ़ाने के लिए, लाल किताब के निम्नलिखित अचूक उपाय अपनाएं:
हल्दी की गांठ (बृहस्पति और शनि का संतुलन)
1, चूँकि धनु राशि के स्वामी गुरु (बृहस्पति) हैं, इसलिए उनकी शक्ति को बनाए रखना आवश्यक है।
2. अपने पास हमेशा हल्दी की एक गांठ रखें। इसे पीले कपड़े में बांधकर अपने पर्स या पूजा स्थान पर रखें। यह गुरु के शुभ प्रभाव को स्थिर रखेगा।
3 .समय-समय पर दिन में हल्दी का दूध पीते रहें। यह आपके स्वास्थ्य, ज्ञान और भाग्य को बल देगा।
भैरव महाराज की उपासना (केतु की शांति)
1. केतु यहाँ धर्म भाव में है, और भैरव जी की पूजा से केतु की शुभता बढ़ती है और संकट दूर होते हैं।
2. भैरव महाराज को कच्चा दूध चढ़ाते रहें। यह उपाय केतु के नकारात्मक प्रभावों को शांत करता है और आकस्मिक बाधाओं से बचाता है।
कुत्ते को रोटी खिलाएं और गणेश जी की पूजा (शनि, केतु और बुध का तालमेल)
1. यह उपाय चतुर्थ भाव के शनि, नवम भाव के केतु और बुद्धि के कारक बुध के बीच सामंजस्य स्थापित करता है।
2. प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाते रहें। यह केतु (जो कुत्ते का कारक है) और शनि दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इससे आपके घर और सुख (चतुर्थ भाव) पर शनि का दुष्प्रभाव कम होता है।
3. बुधवार को गणेश जी की पूजा करें। गणेश जी की पूजा करने से बुध (जो गुरु के मित्र हैं) की स्थिति मजबूत होती है, जिससे बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार आता है।
नीम या बरगद का पेड़ लगाना (शनि और गुरु की कृपा)
1. वृक्षारोपण लाल किताब में दीर्घकालिक शुभता के लिए सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है।
2. किसी भी स्थान पर नीम या बरगद का एक पेड़ लगाएं। नीम का संबंध शनि से और बरगद का संबंध गुरु से है। लगाने के बाद 43 दिनों तक उसकी देखरेख करें और जल अर्पित करें। यह उपाय आपकी कुंडली में शनि और गुरु दोनों की कृपा को सुनिश्चित करेगा, जिससे आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में स्थिरता आएगी।
इन सरल और अचूक उपायों को अपनाकर धनु राशि के जातक वर्ष 2026 को अपने करियर, परिवार और भाग्य के लिए एक अत्यंत सफल वर्ष बना सकते हैं।