लाल किताब में परंपरागत और स्थानीय संस्कृति के अनुभवों पर आधारित उपाय बताए गए हैं। इसमें एक और जहां वास्तुशास्त्र की बात की गई है तो दूसरी ओर सामुद्रिक विज्ञान को बताया गया है। आओ जानते हैं कि ऐसे कौन से 10 उपाय हैं जिन्हें करने से घर में सुख, शांति, समृद्धि और धन की आवक बनी रहे।
पहला उपाय-
प्रतिदिन हनुमान मंदिर जाएं और पीपल को जल चढाएं। हनुमान चालीसा पढ़ें। हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। प्रतिदिन नहीं जा सकते हैं तो प्रति मंगल, गुरु और शनिवार को मंदिर जाएं। मंदिर के वृद्ध पुजारी या शिक्षक को पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तक या पीले खाद्य पदार्थ दान करें।
दूसरा उपाय-
एकादशी, प्रदोष या गुरुवार का व्रत रखें। पीला वस्त्र धारण करें। प्रतिदिन केसर या हल्दी का तिलक लगाएं। नाभि पर घी लगाएं। गुरुवार को नमक न खाएं।
तीसरा उपाय-
अपने या दूसरों के प्रति कटु वचन न बोलें। मुंह से गाली न निकालें। गृहकलह से बचें। मन में बुरे खयाल न लाएं। हमेशा सकारात्मक सोचें। इसके लिए घर में प्रतिदिन सुबह और शाम को कर्पूर जलाएं।
चौथा उपाय-
नाक और कान छिदवाएं। कुंडली की जांच करके किसी अच्छे मुहूर्त में बुधवार के दिन नाक छिदवाएं या गुरुवार के दिन गुरु का दान कर दें। नाक में चांदी का तार 43 दिन तक डालकर रखें और कान में सोने का तार।
पांचवां उपाय-
घर में 10 वस्तुएं अवश्य रखें। पहला चांदी से बना ठोस हाथी, दूसरा पत्थर की घट्टी, तीसरा पीतल-तांबे के बर्तन, चौथा मिट्टी के बर्तन में शहद, पांचवां काला सुरमा, छठा चांदी की डिब्बी जिसमें पानी भरा हो, सातवां काला सुरमा, आठवां देशी गुड़, नौवां चांदी का एक चौकोर टुकड़ा और दसवां हनुमानजी का चित्र या मूर्ति।
छठा उपाय-
शनि के मंदे कार्य न करें, जैसे परस्त्रीगमन, शराब पीना, ब्याज का धंधा करना और किसी मनुष्य या प्राणी को सताना। प्रति शनिवार को छाया दान नहीं कर सकते हैं तो कम से कम 11 शनिवार को छाया दान करें।
सातवां उपाय-
वृक्ष, चींटी, पक्षी, गाय, कुत्ता, कौवा, कछुआ, मछली, वृद्ध, अनाथ, कन्या, अशक्त मानव आदि प्राणियों के अन्न-जल की व्यवस्था करने से इनकी हर तरह से दुआ मिलती है। अत: इन सभी को अन्न और जल देते रहने से पितृदोष, राहु-केतु दोष, शनि दोष, शुक्रदोष आदि दोष तो दूर होते ही हैं साथ ही व्यक्ति कर्ज, आकस्मिक संकट और दुर्घटना से भी बचा रहता है।
आठवां उपाय-
5 काम वर्ष में 2 बार अवश्य करें। पहला अलग-अलग पानीदार नारियल लेकर अपने और अपने परिवार के सदस्यों के ऊपर से 21 बार वार कर उसे अग्नि में जला दें। इसी तरह 21 बार वार कर बहते पानी में बहा दें। दूसरा काम तांबे के लोटे में जल भरकर उसे सिरहाने रखकर सोएं और सुबह उठते ही उसे बाहर ढोल दें या कीकर के वृक्ष में डाल दें। तीसरा कार्य काला और सफेद दोरंगी कंबल 21 बार खुद पर से वार कर किसी गरीब को दान करें। चौथा कार्य बहते पानी में रेवड़ियां, बताशे, शहद या सिंदूर बहाएं। पांचवां कार्य कभी-कभी आंखों में काला सुरमा लगाएं।
नौवां उपाय-
यदि आप संकटों से जूझ रहे हैं, बार-बार एक के बाद एक कोई न कोई संकट से आप घिर जाते हैं तो किसी की शवयात्रा में श्मशान से लौटते वक्त कुछ सिक्के पीछे फेंकते हुए आ जाएं।
दसवां उपाय-
घर को वास्तु अनुसार ही बनाएं। वास्तु अनुसार नहीं बना है तो उसमें सुधार करवाएं। घर के वास्तुदोष को मिटाने के लिए कर्पूर का बहुत महत्व है। यदि सीढ़ियां, टॉयलेट या द्वार किसी गलत दिशा में निर्मित हो गए हैं तो सभी जगह 1-1 कर्पूर की बट्टी रख दें। वहां रखा कर्पूर चमत्कारिक रूप से वास्तुदोष को दूर कर देगा।