कुछ लोगों पर अचानक कोई संकट आ जाता है तो कुछ लोग सालों से संकटों का सामना कर रहे हैं। माना जाता है कि संकटों का कारण पितृदोष, कालसर्प दोष, शनि की साढ़े साती, ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव, दक्षिणमुखी मकान, वास्तुदोष, गृह कलह, आर्थिक संकट, कोर्ट कचहरी संकट, रोग संकट, वैवाहिक संकट और कर्म दोष होते हैं। हालांकि विद्वान यह भी कहते हैं कि सब कर्मों का लेखा जोखा है अर्थात कर्म सुधार लो तो सब कुछ सुधरने लगता है। अब हम आपके कर्म तो सुधार नहीं सकते, लेकिन यहां लाल किताब के अनुसार कुछ सावधानी और उपाय जरूर बता सकते हैं।
1.हनुमान चालीसा पढ़ना : प्रतिदिन संध्यावंदन के साथ हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। संध्यावंदन घर में या मंदिर में सुबह-शाम की जाती है। पवित्र भावना और शांतिपूर्वक हनुमान चालीसा पढ़ने से हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है, जो हमें हर तरह की जानी-अनजानी होनी-अनहोनी से बचाती है। हनुमान चालीसा पढ़ने से जहां पितृदोष, मंगलदोष, राहु-केतू दोष आदि दूर होते हैं वहीं भूत-प्रेतादि का बुरा असर या साया भी हट जाता है।
हनुमानजी को चढ़ाएं चोला : इसके अलावा आप मंगलवार और शनिवार को बजरंगबाण का पाठ करें और हो सके तो किसी शनिवार को हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और उन्हें बनारसी पान का बीड़ा भी अर्पित करें। कम से कम 5 बार हनुमानजी को चोला चढ़ाएं, तो तुरंत ही संकटों से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा प्रति मंगलवार या शनिवार को बढ़ के पत्ते पर आटे का दीया जलाकर उसे हनुमानजी के मंदिर में रख आएं। ऐसा कम से कम 11 मंगलवार या शनिवार को करें।
2.गाय, कुत्ते, चींटी और पक्षियों को भोजन खिलाएं : वृक्ष, चींटी, पक्षी, गाय, कुत्ता, कौवा, अशक्त मानव आदि प्राणियों के अन्न-जल की व्यवस्था करने से इनकी हर तरह से दुआ मिलती है। इसे वेदों के पंचयज्ञ में से एक 'वैश्वदेव यज्ञ कर्म' कहा गया है। यह सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। कछुओं और मछलियों को नित्य आटे की गोलियां खिलाएं और चीटियों को भुने हुए आटे में बूरा मिलाकर बनाई पंजीरी खिलाएं।
* प्रतिदिन कौवे या पक्षियों को दाना डालने से पितृ तृप्त होते हैं।
* प्रतिदिन चींटियों को दाना डालने से कर्ज और संकट से मुक्ति मिलती है।
* प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाने से आकस्मिक संकट दूर रहते हैं।
* प्रतिदिन गाय को रोटी खिलाने से आर्थिक संकट दूर होता है।
3.छाया दान करें : शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रुपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दे दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं। यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा शुरू हो जाएगी।
4. नारियल का उतारा : पानीदार एक नारियल लें और उसे अपने ऊपर से 21 बार वारें। वारने के बाद उसे किसी देवस्थान पर जाकर अग्नि में जला दें। ऐसा परिवार के जिस सदस्य पर संकट हो उसके ऊपर से वारें। उक्त उपाय किसी मंगलवार या शनिवार को करना चाहिए। 5 शनिवार ऐसा करने से जीवन में अचानक आए कष्ट से छुटकारा मिलेगा। यदि किसी सदस्य की सेहत खराब है तो ऊसके लिए यह ऊपाय उत्तम है।
5. जल अर्पण : एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें थोड़ा-सा लाल चंदन मिला दें। उस पात्र को अपने सिरहाने रखकर रात को सो जाएं। प्रात: उठकर सबसे पहले उस जल को तुलसी के पौधे में चढ़ा दें। ऐसा 43 दिनों तक करें। धीरे-धीरे आपकी परेशानी दूर होती जाएगी। इसके अलावा आप चाहें तो दूध-पानी मिश्रित भरा बर्तन सिरहाने रख कर सोएं और अगले दिन कीकर की जड़ में सारा दूध डाल दें। मानसिक रूप से आप खुद को स्वस्थ्य महसूस करेंगे और तनावमुक्त हो जाएंगे।
सावधानियां :
1.किसी भी प्रकार का व्यसन और नशा न करें। करते हों तो त्याग दें।
2.ब्याज का कार्य करते हो तो त्याग दें।
3.तेरस, चौदस, अमावस्या तथा पूर्णिमा के दिन पवित्र बने रहें।
4.दादी, सास, मां, बहन, बेटी, पत्नी, मौसी, साली और बुआ से संबंध अच्छे रखें।
5.दादा, पिता, ससुर, भाई, काका, मामा, भांजे, साले, बहनोई, भतीजे और भाई से संबंध अच्छे रखें।
6.मांस और तामसिक भोजन को त्याग दें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
7.दान देने या लेने से पहले अपनी कुंडली किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को दिखाएं।
8.घर को वास्तु अनुसार बनाएं और उसके आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
9.लाल किताब के सभी उपाय दिन में ही करें। उपाय करने से पहले अपनी कुंडली का अच्छे से विश्लेषण कर लें।
10.सभी तरह के तांत्रिक अनुष्ठान और रात्रि के घोर कर्मों से दूर रहें।
इसके अलावा दोनों कान छिदवाएं, नाक छिदवाएं, दोरंगी काला और सफेद कंबल दान करें, सफेद सुरमा आंखों में लगाते रहें, शहद घर में रखें, माथे पर चंदन या केसर का तिलक लगाएं, सुबह शाम कर्पूर जलाएं, कालिका माता से क्षमा, एकादशी व्रत और गुरुवार का व्रत करें।