चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां तीसरे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : रेगिस्तानी पानी। जैसे-जैसे शिक्षा बढ़ेगी पिता की आर्थिक हालात में कभी आती जाएगी, लेकिन शिक्षा अपनी किमत देगी फिर भी इसकी कोई शर्त नहीं। चौरी और मात का रक्षक और उम्र का मालिक फरिश्ता।
तीसरे भाव में स्थित चंद्रमा पर मंगल और बुध का भी असर रहता है। यदि नवमें और ग्यारहवें घर में कोई ग्रह न हों तो मंगल और शुक्र अच्छे परिणाम देगें। यदि केतु कुण्डली में किसी शुभ जगह पर है और चंद्रमा पर कोई बुरा प्रभाव नहीं डाल रहा है तो जातक की शिक्षा अच्छे परिणाम देने वाली साबित होगी। यदि चंद्रमा हानिकर है, तो धनहानि और खर्चे का कारण हो सकता है। हालांकि यह हानि नवमें भाव में बैठे ग्रह की दशा या उम्र में हो सकती है। सब कुछ ठीक है तो यहां स्थित चंद्रमा लंबा जीवन और अत्यधिक धन देने वाला होता है।
चंद्र की सावधानियां :
1. परस्त्रीगमन घातक है।
2. मांस और मदिरा से दूर रहें।
3. अपनी बेटी के पैसे और धन का उपयोग न करें।
4. माता दुर्गा, माता, बहन और कन्या का अपमान न करें।
5. बचना होगा राहु-केतु की शरारत से यदि दोनों मंदे होतो।
क्या करें :
1. दुर्गा देवी की पूजा करें और कन्या भोज कराते रहें।
2. चावल का दान करें।
3. नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करें।
4. मेहमानों और दूसरों को शरबत, दूध या पानी पिलाएं।
5. पुत्र के जन्म पर चंद्रमा और पुत्र के जन्म पर सूर्य की चीजें दान करें।